सियासी किस्सा : जब बहुगुणा के पोस्टर देख इंदिरा गांधी भड़क गई
-आपातकाल से पहले हेमवती नंदन बहुगुणा की उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत को इंदिरा गांधी पचा नहीं पाई, बहुगुणा को हटाने को हद दर्जे के तर्कों का लिया सहारा
आज स्व. हेमवती नदंन बहुगुणा की पुण्यतिथि पर विशेष…
PEN POINT, DEHRADUN : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे और केंद्र सरकार में मंत्री रहे हेमवती नंदन बहुगुणा की आज पुण्यतिथि है। 17 मार्च 1989 को अमेरिका में उपचार के दौरान उनका निधन हो गया था। पेन प्वाइंट पर पढ़िए आज उनसे जुड़ा यह रोचक किस्सा …
इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्रीकाल में उनका छोटा बेटा संजय गांधी अब केंद्र व राज्य सरकार में अपने विश्वासपात्र लोगों की मौजूदगी चाहता था। केंद्र में कई मंत्रियों को अपना पद गंवाना पड़ा और राज्यों में भी मुख्यमंत्री हटाकर संजय गांधी के पंसद के लोग भरे जाने लगे। संजय गांधी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी हटाना चाहते थे और इसके लिए इंदिरा गांधी भी उनसे सहमत थी। असल में हेमवती नदंन बहुगुणा की राजनीतिक छवि से इंदिरा गांधी उन्हें अपना प्रतिस्पर्धी मान बैठी थी। इंदिरा गांधी को डर था कि एक न एक दिन हेमवती नदंन बहुगुणा उन्हें अपदस्थ कर खुद प्रधानमंत्री बन बैठेंगे।
संजय गांधी व इंदिरा गांधी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमवंतीनदंन बहुगुणा को भी हटाकर वहां अपने विश्वस्त व्यक्ति को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाना चाहते थे। उनकी नजर में बहुगुणा खुद को बड़े राष्ट्रीय नेता के तौर पर पेश कर रहे थे, और एक विकल्प के तौर पर भी। हेमवंती नंदन बहुगुणा के नेतृत्व में जब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने 1974 में 425 में से 216 सीटे जीतकर सरकार बनाई तो मतदाताओं को धन्यवाद देने के लिए बहुगुणा ने अपने फोटो वाले पोस्टर राज्य भर में छपवाए, यह बात संजय गांधी व इंदिरा गांधी को नागवार गुजरी। इंदिरा गांधी उसी वक्त बहुगुणा को हटाना चाहती थी लेकिन बताया जाता है कि इलाहबाद उच्च न्यायालय में इंदिरा गांधी के चुनाव से संबंधित मामले के चलते इंदिरा गांधी शांत हो गई, उन्हें लगता था कि बहुगुणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश को प्रभावित कर न्यायालय के फैसले को इंदिरा गांधी के पक्ष में ला सकते हैं।
खैर, आखिरकार उन्हें बहुगुणा को हटाने का एक कारण मिल ही गया। संजय गांधी के खास आदमी यशपाल कपूर ने यह खबर उडा़ई कि हेमवंती नंदन बहुगुणा इंदिरा और संजय के विध्वंश के लिए चार तांत्रिकों के साथ मिलकर पूजा पाठ कर रहा है। इनमें से दो तांत्रिकों ने यह स्वीकार भी किया। हालांकि, बहुगुणा इस आरोप को पूरी तरह से बकवास करार देते रहे। बहुगुणा बताते है कि एक वैद्य जो कांग्रेस के पुराने नेताओं का उपचार किया करते थे वह बहुगुणा से मिला करते थे जिसे तांत्रित करार दिया गया। बहुगुणा को हटाया गया तो उन्होंने दिल्ली जाकर इस संबंध में इंदिरा गांधी से बात करनी चाही लेकिन इंदिरा गांधी ने उन्हें मिलने का समय तक नहीं दिया। खैर, बहुगुणा को हटाया गया और उनके स्थान पर एनडी तिवारी को मुख्यमंत्री बनाया गया। एनडी तिवारी को संजय गांधी का यस मैन कहा जाता था। यहां तक कि मजाक में उन्हें नई दिल्ली तिवारी भी कहा जाता था। वह लगातार नई दिल्ली में आते जाते रहते थे। उत्तर प्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने एनडी तिवारी का विरोध किया लेकिन तमाम विरोधो के बावजूद संजय गांधी ने तिवारी को मुख्यमंत्री बनाया। संजय गांधी उत्तर प्रदेश में खुद राज करना चाहते थे इसलिए तिवारी इसके लिए सबसे बेहतर विकल्प थे, तिवारी संजय के लिए पूरी तरह से वफादार थे। स्वामीभक्ति ऐसी कि जब संजय गांधी लखनउ पहुंचते या लखनउ से लौट रहे होते तो तिवारी अपनी कैबिनेट की उनके सामने परेड करवाते।