तीन फीसदी से ज्यादा विधायकों का रेकार्ड ‘दागदार’
-प्रदेश में 19 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज, 10 विधायकों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामले चल रहे कोर्ट में
PEN POINT DEHRADUN: इन दिनों राहुल गांधी के खिलाफ मानहानी के मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी लोकसभा से सदस्यता जाने का मुद्दा खूब चर्चाओं में है। नए जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक दो वर्ष या उससे अधिक की सजा होने पर स्वतः ही विधानसभा या फिर सांसद सदस्यता रद हो जाएगी। ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि आपके राज्य की विधानसभा में चुनकर आए विधायकों में से कितने विधायकों के खिलाफ कानूनी मुकदमे दर्ज है।
2022 उत्तराखंड विधानसभा चुनाव जीतकर आए 70 विधायकों में से करीब साढ़े तीन फीसदी विधायकों के खिलाफ विभिन्न मामलों में आपराधिक मामले दर्ज है। वहीं, एक विधायक के खिलाफ तो एक दर्जन से भी अधिक गंभीर मामलों में मुकदमे दर्ज है। हालांकि, कुछ विधायकों के खिलाफ धरना प्रदर्शन, लॉक डाउन के दौरान खुले में घूमने जैसे मामले दर्ज है जो जन प्रतिनिधि होने के नाते उनके हिस्से में आए। वहीं, 10 विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलें दर्ज है।
यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के 8-8 विधायकों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज हैं। कांग्रेस से पहली बार विधायक बने सुमित ह्दयदेश के खिलाफ सर्वाधिक 6 मामले दर्ज हैं। हालांकि, ज्यादातर विधायकों के खिलाफ गंभीर मामलों में मुकदमा दर्ज न होकर धरना प्रदर्शन, अधिकारियों के साथ विवाद, सड़क जाम जैसे मामलों में मुकदमें दर्ज है लेकिन 10 विधायक ऐसे भी है जिनके खिलाफ आपराधिक षडयंत्र रचने, जबरन वसूली, धोखाधड़ी, दंगे करवाने जैसे गंभीर अपराध भी शामिल है। ऐसे मामलों में करीब 7 साल तक सजा का भी प्रावधान है ऐसे में अगर इन मामलों में कोर्ट ने सजा सुनाई तो राज्य के करीब 5 विधायकों को अपनी सदस्यता से हाथ धोना पड़ सकता है।
कांग्रेस के इन विधायकों के खिलाफ है थानों में मामले दर्ज
बाजपुर से विधायक यशपाल आर्य के खिलाफ 1 मामला, चकराता से विधायक प्रीतम सिंह के खिलाफ 3 मामले, धारचूला से विधायक हरीश धामी के खिलाफ 1 मामला, हल्द्वानी से विधायक सुमित ह्दयेश के खिलाफ 6 मामले, जसपुर से आदेश चौहान के खिलाफ 1, ज्वालापुर से रवि बहादुर के खिलाफ 2, किच्छा से विधायक तिलक राज बेहड़ के खिलाफ 1, पिरान कलियर से विधायक फुरकान अहमद के खिलाफ 4 मामले दर्ज हैं।
भाजपा के इन विधायकों के खिलाफ मामले दर्ज
रानीपुर से विधायक आदेश चौहान के खिलाफ 1, डिडीहाट से विधायक विशन सिंह चुफाल के खिलाफ 2, गदरपुर से विधायक अरविंद पांडे के खिलाफ 2, लैंसडोन से विधायक दिलीप रावत के खिलाफ 2, पुरोला से विधायक दुर्गेश्वर लाल के खिलाफ 1, रूड़की से विधायक प्रदीप बत्रा के खिलाफ 1, रूद्रपुर से विधायक शिव अरोड़ा के खिलाफ 1 और सल्ट से विधायक महेश जीना के खिलाफ 2 मामले विभिन्न धाराओं में दर्ज हैं।
सबसे ज्यादा मुकदमें उमेश कुमार के खिलाफ
निर्दलीय जीतकर आए उमेश कुमार के खिलाफ सर्वाधिक मामले दर्ज है। उनके खिलाफ विभिन्न थानों और राज्यों में विभिन्न धाराओं में 14 मामले दर्ज है। चुनाव आयोग को दिए गए उनके हलफनामे के मुताबिक उनके खिलाफ धोखाधड़ी, उगाही, राजद्रोह, आपराधिक षडयंत्र समेत विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज है। वहीं मंगलौर से बसपा के विधायक सरवत करीम अंसारी के खिलाफ 2 और यमुनोत्री से निर्दलीय विधायक संजय डोवाल के खिलाफ कोरोना के दौरान लॉकडाउन के उल्लघंन से जुड़ा एक मामला दर्ज है।
हल्के मुकदमों को सरकार ले लेती है वापिस
राज्य में भाजपा की पिछले 6 सालों से सरकार है। इन छह वर्षों के दौरान सरकार ने अपने विधायकों और अपने कार्यकर्ता पर दर्ज मामूली धाराओं के मुकदमों को वापिस लेने भी काफी सक्रियता दिखाई है। राजनीतिक द्वेष भावना से लगाए गए ‘पिटी क्राइम’ के मामलों को सरकार ने समय समय पर वापिस लेकर अपने नेताओं की ‘क्रिमिनल हिस्ट्री’ को क्लिन चीट देती रही है।