सरकारी महकमों में 26 फीसदी पद खाली, नौकरी की लाइन में 4 लाख से ज्यादा बेरोजगार
-राज्य के सरकारी विभागों में 68 हजार से अधिक पद रिक्त, सर्वाधिक पद शिक्षा विभाग में खाली
-राज्य भर में 4 लाख से अधिक बेरोजगार युवा कर रहे सरकारी नौकरियों का इंतजार
PENPOINT DEHRADUN : राज्य में विभिन्न विभागों में रिक्त 68 हजार से अधिक पदों के लिए राज्य के चार लाख से ज्यादा बेरोजगार युवा नियुक्ति प्रक्रिया जारी होने का इंतजार कर रहे हैं। उपर से पेपर लीक, परीक्षाओं में अनियमितताओं के चलते जिन पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू भी हुई तो वह भी अधर में लटकी हुई है।
प्रदेश भर के सरकारी विभागों में 26 फीसदी से भी अधिक पद खाली चल रहे हैं जबकि राज्य में नौकरी की चाहत रखने वाले बेरोजगारों युवाओं की तादात 4 लाख से भी ज्यादा है। राज्य में सरकारी नौकरियों में नियुक्ति प्रक्रिया की सुस्त गति के बाद बीते वर्षों से परीक्षाओं में नकल, पेपर लीक ने जहां सरकारी नौकरी पाने के सपनों की राह में बड़ा रोड़ा अटका दिया है। बीते साल से ही राज्य सरकार करीब डेढ़ दर्जन से अधिक प्रतियोगी परीक्षाओं को सिर्फ इसलिए रद कर चुकी है क्योंकि परीक्षा से पहले पेपर लीक की घटनाएं हो गई।
राज्य भर के विभिन्न सरकारी विभागों में करीब 2,57,940 पद स्वीकृत हैं। जिसमें से 1,89,354 पदों पर ही कर्मचारी अधिकारी तैनात है जबकि 68,586 पद रिक्त चल रहे हैं। सर्वाधिक पद प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के खाली चल रहे हैं। राज्य भर में प्राथमिक शिक्षकों के साढे़ 11 हजार से अधिक पद रिक्त चल रहे हैं। वहीं, माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के 8 हजार से अधिक पद खाली चल रहे हैं। पुलिस में ही 2 हजार से अधिक पद खाली चल रहे हैं तो स्वास्थ्य क्षेत्र में 4 हजार से अधिक पद खाली चल रहे हैं।
वहीं, दूसरी ओर राज्य में बेरोजगार युवाओं की संख्या साल दर साल लगातार बढ़ रही है। बीते साल तक ही राज्य भर में करीब पौने पांच लाख बेरोजगार युवा राज्य भर के विभिन्न रोजगार दफ्तरों में नौकरी पाने के लिए पंजीकरण करवाए हुए हैं।
वेतन भत्तों पर खर्च हो रहा है आधा बजट
राज्य सरकार के लिए सभी सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने की सबसे बड़ी चुनौती राज्य की डवांडोल आर्थिक स्थिति भी है। राज्य के बजट का एक तिहाई हिस्सा सिर्फ वेतन भत्तों के भुगतान में ही खर्च हो रहा है। राज्य सरकार को हर साल करीब 21 हजार करोड़ रूपये वेतन भत्तों पेंशन के लिए ही चुकाना पड़ता है। बीते साल जहां राज्य सरकार को वेतन के रूप में 17 हजार करोड़ रूपये से अधिक की रकम खर्च करनी पड़ी थी जबकि पेंशन के रूप में साढ़े 6 हजार करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि राज्य सरकार को जुटानी पड़ी थी। ऐसे में यदि राज्य सरकार सभी विभागों में रिक्त पदों को भरने का जोखिम उठाती है सिर्फ वेतन के लिए वेतन पेंशन पर ही खर्च बढ़कर तीस हजार करोड़ रूपये तक पहुंच सकता है। जबकि, राज्य की आर्थिक हालत अभी आमदनी चवन्नी खर्चा रूपया जैसी है।
विभागवार रिक्त पद
प्राथमिक शिक्षा – 11418
माध्यमिक शिक्षा – 8130
अकादमिक शिक्षा – 1876
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण – 6054
सिंचाई – 3268
लोनिवि – 3885
वन – 2734
उद्यानिकी – 1530
पुलिस – 2375
उच्च शिक्षा – 1650
तकनीकि शिक्षा – 1224
चिकित्सा शिक्षा – 3324
महिला एवं बाल कल्याण – 1747
श्रम – 1796
जिलेवार बेरोजगारों की संख्या
अल्मोड़ा – 33475
नैनीताल – 46668
पिथौरागढ़ – 32024
यूएसनगर – 48915
बागेश्वर – 17367
चंपावत – 15661
देहरादून – 71534
टिहरी – 33501
उत्तरकाशी – 28466
हरिद्वार – 52623
पौड़ी – 43539
चमोली – 26082
रूद्रप्रयाग – 19104