Search for:
  • Home/
  • उत्तराखंड/
  • स्वरोजगार : महिलाओं की आर्थिकी का मजबूत जरिया बनने लगा भोजपत्र

स्वरोजगार : महिलाओं की आर्थिकी का मजबूत जरिया बनने लगा भोजपत्र

PEN POINT, JOSHIMATH : राज्य के उच्च हिमालयी इलाकों में उगने वाले दुर्लभ भोजपत्र की छाल लोगों के लिए आर्थिकी का मजबूत जरिया बन रहा है। गढ़वाल मंडल के चमोली जिला प्रशासन ने इस दिशा में कुछ कदम उठाने की जहमत उठाई है। इसके लिए यहाँ स्थानीय महिला समूहों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जनपद के सीमान्त जोशीमठ ब्लाक मुख्यालय के सभागार में यह विशेष साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

विकासखंड जोशीमठ में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं को भोजपत्र पर कैलीग्राफी व स्ट्रिंग आर्ट एडवांस वर्जन का प्रशिक्षण दिया गया। जिला प्रशासन ने इसके लिए मास्टर ट्रेनर सुरभि रावत जरिए समूह की महिलाओं को भोजपत्र कैलीग्राफी की बारीकियों के साथ स्केलिंग और कुछ नई तकनीक के बारे में जानकारी दी गयी है।

'Pen Point

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में समूह की महिलाओं ने भोजपत्र प्रशिक्षण में बढ़-चढ कर हिस्सा लिया। इससे पहले विकासखंड जोशीमठ में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से दो चरणों में समूह की 30 महिलाओं को दुर्लभ भोजपत्र पर कैलीग्राफी से आकर्षक सोविनियर बनाने का प्रशिक्षण दिया गया था। चारधाम यात्रा के दौरान महिलाओं ने विकास विभाग के आउलेट और एनआरएलएम के माध्यम से भोजपत्र से तैयार किए गए आकर्षक सोविनियर, बद्रीनाथ की आरती, माला, राखी, सुन्दर स्मृति चिन्ह एवं कलाकृतियों का विपणन कर दो लाख से अधिक आमदनी की।

'Pen Point

दुलर्भ भोजपत्र के पौराणिक महत्व एवं इससे बने आकर्षक सोविनियर की मांग को बढ़ता देख जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने इस दिशा में पहल कर महिलाओं समूहों की आर्थिकी सुदृढ़ बनाने की योजना तैयार करवाई। परियोजना निदेशक आनंद सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं समूहों को उनकी आजीविका संवर्धन व कौशल विकास के लिए जोशीमठ में आठ दिवसीय भोजपत्र पर कैलीग्राफी व स्ट्रिंग आर्ट एडवांस प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मास्टर ट्रेनर सुरभी रावत द्वारा समूह की 21 महिलाओं को कैलीग्राफी की बारीकियों के साथ स्केलिंग व नवीन तकनीक के उपयोग की जानकारी दी जा रही है, जो आने वाले समय में महिलाओं के लिए स्वरोजगार का एक सशक्त जरिया

सुन्दर शब्दों को लिखने की कला को कैलीग्राफी कहा जाता है। कैलीग्राफी को हिन्दी में अक्षरांकन कहते हैं। कैलीग्राफी एक विजुअल आर्ट है। कैलीग्राफी लिखने वाले प्रोफेशनल आर्टिस्ट को कैलीग्राफी कहते हैं। कैलीग्राफी कई तरह के फॉन्ट, स्टाइल, मॉडर्न और क्लासिक तरीकों का प्रयोग करते हुए बेहतरीन सुलेख लिखते हैं। एक कैलीग्राफी सुंदर अक्षरों को लिखने के लिए खास तरह के पेन, निब, पेंसिल, टूल, ब्रश आदि का इस्तेमाल करते हैं।

लकड़ी के टुकड़ों पर कील और धागे के उपयोग सजावटी सामग्री बनाने की कला को स्ट्रिंग आर्ट कहते हैं। इस कला से देश और दुनिया में बड़े पैमाने पर लोग बेहतर आय अर्जित कर रहे हैं।

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required