Search for:
  • Home/
  • देश/दुनिया/
  • सिल्क्यारा UPDATE : हमें उम्मीद है कि एक दो दिन में हम बाहर आ जाएंगे

सिल्क्यारा UPDATE : हमें उम्मीद है कि एक दो दिन में हम बाहर आ जाएंगे

PEN POINT, UTTARKASHI : उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अभियान आज भी जारी है। अमेरिकी ऑगर ड्रिलिंग मशीन से एक बार फिर काम शुरू कर दिया गया है। जहाँ मंगलवार सुबह सबेरे जानकारी मिली कि पाइप से एंडोस्कोपिक कैमरे को भीतर पहुंचाया गया और इस दौरान कैमरे से टनल के भीतर फंसे हुए श्रमिकों की तस्वीरें दिखाई दी। इसके बाद सभी मजदूरों के सकुशल होने को लेकर एक बड़ी उम्मीद जग गयी है।

टनल में फंसे लोगों में से एक फोरमैन ने अपने भाई को कहा कि ‘बाहर हमारे जो भी घरवाले हैं सबको हमारा सलाम। यहां हम सब ठीक हैं। खाने के लिए भी समय पर मिल रहा है। ऑक्सीजन भी मिल रही है। हमें उम्मीद है कि एक दो दिन में हम बाहर आ जाएंगे।

आज मंगलवार को सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को इसी नए छह इंच के पाइप से फल भेजे गए हैं। अंदर फंसे मजदूरों के परिजनों का कहना है कि उन्हें खुशी है कि अंदर फंसे सभी लोग सकुशल हैं और उन्हें आज दसवें दिन फल भेजे गए हैं। इस टनल हादसे के बाद से ज सभी फंसे मजदूरों के साथ ही पूरे देश के लिए ये एक बड़ी राहत भरी खबर रही।

बता दें कि सिलक्यारा सुरंग में ऑगर मशीन से दोबारा ड्रिलिंग शुरू हुई है। जिससे अब तक करीब 35 मीटर तक ड्रिलिंग की जा चुकी है। पूर्व में 900 एमएम व्यास के पाइप 22 मीटर तक डाले गए थे। इनके अंदर ही 820 एमएम व्यास के 12 मीटर तक पाइप डाले जा चुके हैं। सब कुछ ठीक रहा तो आज शाम तक पाइपों के आर-पार होने की उम्मीद की जा रही है। मशीन चलाते हुए भीतर कम्पन्न महसूस हो रही है। इसलिए केवल केवल जरूरी ऑपरेटर और विशेषज्ञ ही सुरंग के अंदर हैं।

सिलक्यारा सुरंग के ऊपर बोरिंग के लिए मशीन रवाना कर दी गई है। यह मशीन अस्थाई सड़क से ऊपर पहुंचकर बोरिंग करेगी। यह बोरिंग लाइफलाइन के रूप में की जाएगी। बीआरओ ने मशीन पहुँचने के लिए स्थाई सड़क का निर्माण किया था।

आज सुरंग के आस पास सख्त सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। UPCL के इंजीनियरों को मशीनों के सञ्बिचालन के लिए जरूरी बिजली व्यवस्था करनी थी, ऐसे में बिना प्रवेश पत्र के किसी को भी जाने नहीं दिया गया। आरवीएनएल ने टनल के ऊपर आठ इंच के लाइफलाइन पाइप की ड्रिल को बेस बनाया है।

वहीं दूसरी तरफ बड़कोट छोर से भी सुंरग में ड्रिलिंग का काम शुरू कर दिया गया है। इस कम को ख़ास तौर पर  इसके टीएचडीसी की 10 लोगों की टीम काम में लगी हुई है। मजदूरों के बचाव के लिए इस तरफ से दो से ढाई मीटर व्यास की सुरंग तैयार की जा रही है।

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required