दिन विशेष : वह देश जिसने सबसे पहले आम महिलाओं को दिया वोट डालने का हक़
PEN POINT, देहरादून : आज बात महिलाओं से जुड़े एक और बेहद जरूरी अधिकार की। जिसने दुनिया भर की आम महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए नए द्वार खोलने में बेहद अहम् भूमिका निभाई। जी हाँ बात हो रही है न्यूजीलैंड की। यह दुनिया का एक ऐसा मुल्क है जिसने दुनिया भर की आम महिलाओं के लिए संभावनाओं के लिए कदम उठाया। लेकिन यह जानना भी जरूरी हो जाता है यह सब यूंही नहीं हो गया। इसके लिए वहां की एक महिला ने लम्बा संघर्ष किया। जी हाँ न्यूजीलैंड दुनिया का एक ऐसा देश है, जिसने सबसे पहले महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया और इसकी शुरात आज ही के तारिख में हुई लेकिन कब जानिए इस लेख में….
आज 28 नवम्बर है और ये तारीख न्यूजीलैंड में महिला मताधिकार के लिए बेहद खास है। लेकिन अपना देश भारत जिस दिन आजाद हुआ, उसी दिन से महिलाओं को वोटिंग का अधिकार मिल गया था। वहीं दुनिया के सबसे पुराने लोक तांत्रिक देश अमेरिका की महिलाओं को वोट देने का अधिकार हासिल करने में 144 साल लग गए थे। जबकि दुनिया पर सबसे लम्बे वक्त तक हुकूमत करने वाले ब्रिटेन में भी महिलाओं को मताधिकार मिलने में एक सदी का समय लगा।
लेकिन मताधिकार हासिल करने के लिए न्यूजीलैंड में संघर्ष की शुरुआत हुई तो, आखिरकार 13 साल के संघर्ष के बाद महिलाओं को वोटिंग का अधिकार मिला। यही वजह है कि न्यूजीलैंड दुनिया का पहला देश है, जिसने सबसे पहले महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया न्यूजीलैंड में महिलाओं को भी वोटिंग का अधिकार मिले, इसके लिए 1880 के आसपास एक आंदोलन शुरू हुआ। महिलाओं को वोटिंग का अधिकार दिलाने की लड़ाई के लिए वुमंस क्रिश्चियन टेम्परेंस यूनियन नाम के एक संगठन का गठन किया गया। इसकी नेता केट शेफर्ड थीं। केट ने एक पिटीशन पर हस्ताक्षर करवाए। इस पर उन्होंने करीब तीन साल कड़ी मेहनत की, तब जाकर 32 हजार महिलाओं के साइन मिल पाए। जानकारी के मुताबिक ये उस समय की न्यूजीलैंड की कुल महिला आबादी का करीब एक चौथाई था।
उनकी पिटीशन पर समर्थन मिलने के बाद आठ सितंबर, 1893 को बिल लाया गया। इसके बाद 19 सितंबर को लॉर्ड ग्लास्गो ने बिल पर साइन कर इसे कानून बनाया। तब जाकर महिलाओं को वोटिंग का अधिकार मिला। 28 नवंबर 1893 को हुए आम चुनाव में महिलाओं ने पहली बार न्यूजीलैंड में वोट डाले। पहले चुनाव में 1.09 लाख महिला वोटर का पंजीकरण हुआ। इनमें से 82 प्रतिशत यानी 90,290 महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर देश में सरकार के निर्वाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।