‘गोल्डन गर्ल’ मानसी से नाराज हैं राज्य की खेल मंत्री !!!
– चीन में वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाली मानसी नेगी को नहीं दी खेल मंत्री ने शुभकामना
– मार्च में मानसी नेगी ने की थी राज्य में खेल कोटे से नौकरी की मांग, तब से नाराज चल रही हैं खेल मंत्री रेखा आर्य
PEN POINT, DEHRADUN : चीन में आयोजित वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में कांस्य पदक जीतकर देश का मान बढ़ाने वाली उत्तराखंड की बेटी मानसी नेगी से राज्य की खेल मंत्री रेखा आर्य नाराज हैं। शायद यही कारण रहा है कि मानसी नेगी की उपलब्धि पर जब देश भर से उन्हें शुभकामना दी गई तो रेखा आर्य ने मानसी नेगी की इस उपलब्धि पर खामोशी ओढ़ ली। इसी साल मार्च में खेल कोटे से नौकरी की मांग करना मानसी नेगी के लिए इतना भारी पड़ गया कि खेल मंत्री रेखा आर्य ने इसे अपनी शान में गुस्ताखी मान ली और छह महीने बीतने के बाद भी मानसी नेगी से नाराज हैं।
बीते पांच अगस्त को उत्तराखंड की बेटी मानसी नेगी ने चीन में वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स की 20 किमी वॉक रेस टीम चौंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत मंत्रियों, विधायकों ने मानसी नेगी की इस उपलब्धि पर ट्वीटर और फेसबुक के जरिए शुभकामनाएं दी। सिर्फ प्रदेश ही नहीं देश भर से मानसी नेगी को सोशल मीडिया के जरिए शुभकामनाएं मिली लेकिन राज्य की खेल मंत्री के सोशल मीडिया पर मानसी नेगी की इस उपलब्धि पर खामोशी छाई रही। प्रदेश की खेल मंत्री रेखा आर्य अब तक मानसी नेगी से नाराज हैं। लगता है कि मार्च महीने में फेसबुक पोस्ट के जरिए उत्तराखंड में खिलाड़ियों को नौकरी देने की मांग करना खेल मंत्री ने खुद की तौहीन समझ ली।
उत्तराखंड के सीमांत ज़िले चमोली के मजोठी गांव में 3 मई, 2003 को पैदा हुई मानसी नेगी की शुरुआती पढ़ाई गांव में ही हुई। इसके बाद चौथी से 10वीं तक की पढ़ाई उन्होंने गोपेश्वर से की। इसके बाद 11वीं, 12वीं की पढ़ाई उन्होंने देहरादून से की। 12वीं पास करने के बाद मानसी को लवली प्रोफ़ेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर में खेल कोटे में एडमिशन और स्कॉलरशिप मिल गई यानी कि उनकी पढ़ाई का खर्च यूनिवर्सिटी उठा रही है। गोल्डन गर्ल के नाम से मशहूर मानसी नेगी ने मार्च महीने में तमिलनाडु में हुई 82वीं ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स चौंपियनशिप में मानसी ने एक घंटा 41 मिनट में 20 किमी वॉक रेस में गोल्ड मेडल हासिल किया था। इसके बाद उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए अपना दर्द बंया किया था। फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि मुझे शुभकामनाएं और समर्थन देने के लिए आप सभी का धन्यवाद। लेकिन मुझे उत्तराखंड में नौकरी की जरूरत है। मैंने हर बार खुद को साबित किया, लेकिन उत्तराखंड में कोई खेल कोटा नहीं है और ना ही कोई नौकरी का अवसर। मैं अनुरोध करती हूं कि कृपया उत्तराखंड में खेल कोटे की नौकरी का अवसर दें, इससे कई युवा एथलीट बेहतर प्रदर्शन कर और मेडल जीतकर प्रोत्साहित करेंगे।
मानसी नेगी की यह पोस्ट वायरल हो गई थी। इसके बाद राज्य सरकार की खेल नीति और सरकार की नियत दोनों पर सवाल उठने शुरू हो गए थे। इससे खेल मंत्री रेखा आर्य नाराज हो गई। उनकी नाराजगी छह महीने बाद भी दूर नहीं हुई है। जबकि, मानसी नेगी ने राज्य में खेल कोटे से नौकरियों की मांग की थी न कि राज्य के मंत्रियों की कोई आलोचना की थी लेकिन इस बात से खेल मंत्री का नाराज हो जाना समझ से परे है।
इसके बाद सिलसिलेवार ढंग से फेसबुक पोस्ट कर रेखा आर्य ने सरकार की ओर से मानसी नेगी पर किए गए अहसानों की लिस्ट गिना दी। रेखा आर्य ने फेसबुक पोस्ट के जरिए मानसी नेगी की ओर से उठाई गई मांग के बदले खेल विभाग की ओर से मानसी नेगी के लिए किए गए कार्यों की लंबी सूची जारी कर दी। हालांकि, इन सभी ‘अहसानों’ की पोल भी मानसी ने खोल दी।
रेखा आर्य की ओर से दावा किया गया कि खेल विभाग की ओर से मानसी नेगी को 2 लाख 35 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि दी गई, मानसी की ओर से जवाब दिया गया कि 2020 में 48,500 और जनवरी 2022 में 87,750 की राशि दी गई।
मीडिया ने इस पूरे प्रकरण में खेल विभाग की नीति पर सवाल उठाए तो रेखा आर्य ने इसे निजी हमला मान लिया।
इस प्रकरण को छह महीने बीतने को है लेकिन रेखा आर्य की नाराजगी अभी भी प्रदेश की उदयमान इस खिलाड़ी से दूर नहीं हुई है। कई खेल प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा दिखाने वाले मानसी नेगी को चीन में उसकी इस उपलब्धि के लिए एक शुभकामना संदेश तक न देना कई लोगों को खटका है। जबकि, खेल मंत्री आर्य की ओर से बीते दिन विश्व तीरंदाजी प्रतियोगिता बर्लिन में स्वर्ण पदक जीतने वाली ज्योति सुरेखा वेन्नम, परनीत कौर और अदिति गोपीचंद स्वामी को फेसबुक के जरिए शुभकामनाएं दी गई। इन तीनों से तीरंदाजी में देश का नाम रोशन किया। लेकिन, रेखा आर्य का मानसी नेगी के प्रति इस रवैये पर सवाल उठना लाजमी है।
(नोट – इस संबंध में पेन प्वाइंट ने रेखा आर्य से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। उनका पक्ष सामने आते ही उनकी बात भी प्रकाशित की जाएगी।)