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यू टर्न : फिलहाल चारधाम यात्रा में संख्या संबंधी पाबंदी नहीं

तीर्थ पुरोहित महासभा के विरोध पर राज्य सरकार ने पलटा भीड़ प्रबंधन का अपना फैसला, यात्रियों की आने पर पाबंदी नहीं
PEN POINT, DEHRADUN। चारधाम यात्रा की तिथि घोषित होने के बाद राज्य सरकार ने मंगलवार से केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के लिए यात्रियों का पंजीकरण शुरू कर दिया था साथ ही भीड़ प्रबंधन के लिए यात्रियों की संख्या भी तय की थी लेकिन अब पुरोहित समाज और होटल व्यवसायियों के विरोध के बाद तय संख्या में यात्रियों को तीर्थयात्रा करने के फैसले से सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। अब सरकार का कहना है कि सबके साथ सलाह मशविरा करने के बाद ही यात्रियों की संख्या के संबंध में फैसला लिया जाएगा।
इस साल चारधाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हो रही है। केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि के औपचारिक एलान के बाद पर्यटन विभाग ने मंगलवार को यात्रियों के ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था शुरू कर दी। पिछले साल चारों धाम में भारी भीड़ उमड़ने के बाद राज्य सरकार ने तब पंजीकरण की व्यवस्था कर तय संख्या में यात्रियों को यात्रा के लिए स्लॉट उपलब्ध करवाया था। इस साल बीते सालों के मुकाबले साढ़े आठ हजार ज्यादा यात्रियों को हर दिन यात्रा करने की व्यवस्था की थी। चारों धामों में बीते साल के मुकाबले इस साल ज्यादा यात्रियों को यात्रा स्लॉट दिए जाने का फैसला लिया गया था जिसके लिए मंगलवार से ऑनलाइन पंजीकरण भी शुरू किया गया। लेकिन, इस बीच तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि सरकार ने यात्रियों की संख्या संबंधी निर्णय लेने से पूर्व पुरोहित महापंचायत से राय मशविरा नहीं किया था। तीर्थ पुरोहित महापंचायत की इस नाराजगी के सामने हथियार डालते हुए राज्य सरकार ने मंगलवार को ही यात्रियों की संख्या संबंधी अपना फैसला वापिस लेते हुए फिलहाल स्लॉट व्यवस्था खत्म कर सभी के लिए चारधाम यात्रा के द्वार खोल दिए। अब फिलहाल स्लॉट व्यवस्था नहीं होगी यात्री जब चाहे तब के लिए अपनी यात्रा का पंजीकरण करवा सकता है। वहीं, मुख्य सचिव एसके संधु ने कहा कि है कि यात्रा में यात्रियों की संख्या के संबंध में कोई भी फैसला सभी हितधारकों से बातचीत के बाद ही लिया जाएगा।
गौरतलब है कि बीते साल चारधाम में रेकार्ड संख्या में यात्री पहुंचे थे जिसके बाद भारी भीड़ के चलते प्रशासन की सारी व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। यहां तक कि यात्रियों को बीस बीस घंटे तक लाइनों में खड़े रहकर दर्शन के लिए इंतजार करना पड़ा। इससे सबक लेते हुए सरकार ने चारों धाम में हर दिन 39 हजार यात्रियों के ही यात्रा की अनुमति दी थी जो इस साल बढ़ाकर 47500 कर दी गई थी लेकिन तीर्थ पुरोहित महापंचायत के विरोध के बाद सरकार ने इससे यूटर्न ले लिया। ऐसे में यदि इस साल भी भारी भीड़ उमड़ी तो तीर्थयात्रियों को पिछले साल की तरह ही मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा तो साथ ही प्रशासन को भी व्यवस्थाएं बनाने के लिए खूब मशक्कत करनी पड़ेगी।

 

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