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पड़ोसी राज्य हिमाचल में हुई तबाही से उत्तराखंड भी सकते में

Pen Point, Dehradun : उत्तर भारत के तमाम पहाड़ी इलाकों में पिछले दो दिन से हो रही बारिश से इस वक्त मुश्किलें बढ़ गई हैं। सबसे ज्यादा तबाही हिमाचल और उत्तराखण्ड में मची है। हिमाचल के थुनाग में बादल फटने से बड़ी तबाही हुई है। इस तबाही के सामने जो आया वह उसी के साथ बह गया। यहां कुल्लू, मनाली और मण्डी में कई जगह भू स्खलन की घटनाएं हुई। इसकी चपेट में चण्डीगढ़ मनाली हाइवे का कुछ हिस्सा बह गया। इस बाढ़ में राज्य में मूसलाधार बारिश से आई बाढ़़ आने से भूकटाव होने से कई इलाके जलमग्न हो गए, जिसमें कई घर और वाहन बह गए इसके अलावा कई लोगों की मौत हो गई। पूरे उत्तर भारत की अगर बात की जाए तो बीते दो दिन से हो रही बारिश और बाढ़ से अब तक 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं।

हिमाचल सरकार की तरफ से राज्य की जनता को अगले 24 घण्टों तक घरों में रहने की सलाह दी गई है। क्योंकि इस दौरान राज्य में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। पूरे हिमाचल में ज्यादातर हिस्से में सड़क सम्पर्क टूट गया हैं आपदा प्रबंधन के मुताबिक इस वक्त राज्य की करीब 700 सड़के बंद हो गई। खतरे को देखते हुए तीन राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात रोक दिया गया है।

इतना ही नहीं राज्य के बारिश से प्रभावित इलाकों में बिजली संकट खड़ा हो गया। है जगह जगह बिजली की लाइनेंए पोल इत्यादि क्षतिग्रस्त होने से यह हालात पैदा हो गए हैं। हालात ये है कि इस तबाही से राज्य के करीब 1800 से अधिक बिजली ट्रांसफॉर्मर बंद पड़ गए हैं। राज्य के तमाम अत्यधिक प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों ने स्कूल बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। मौसम विभाग ने राज्य के कई इलाकों में बारिश से भूस्खलन और बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इसके अलावा तीन जिलों शिमलाए सिरमौर और सोलने के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य के लोगों से अगले 24 घण्टे तक घरों में रहने की अपील की है। इसके लिए तीन हेल्प लाइन नम्बर 1100 ,1070, 1077 भी जारी किए हैं।

पड़ोसी राज्य में हुई इस तबाही से उत्तराखंड में भी लोगों के चेहरों पर शिकन देखी जा रही है। उत्तरकाशी जिले के हर्षिल में भागीरथी की सहायक जालंधरी नदी में भारी उफान आने से क्यारकुटी ट्रैक पर बनी पुलिया बह गई। इससे भागीरथी नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान पर आ गया। इसके अलावा राज्य के कई जिलों में भारी बारिश से लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा। मलवा और चट्टाने आने से सड़कों पर आवाजाही बुरी तरह से प्रभावित हुई है।

रविवार को पौड़ी के डीएम डॉ आशीष चौहान खुद नीलकंठ से लौटते वक्त ऋषिकेश बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर देवप्रयाग के बीच सड़क बंद होने से फंसे रहे। इस दौरान वहां एम्बुलेंस भी फंसी रही। वहीं केदारनाथ से लौटते वक्त रविवार की अलसुबह करीब 3 बजे 11 लोगों से भरी हुई एक मैक्स गाड़ी अचानक पहाड़ से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से गंगा नदी में समा गई। जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई, वहीं पांच को रेस्क्यू कर पुलिस ने घायल हालत में अस्पताल पहुंचाया जबकि तीन लोग अब भी लापता चल रहे हैं, टिहरी जिले की मुनिकी रेती थाना पुलिस खोजबीन में लगी है।

वहीं मौसम विज्ञान केद्र के निदेशक डॉ विक्रम सिंह ने राज्य में 11 और 12 जुलाई को उत्तराखण्ड के पौड़ी, चमोली, पिथोरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल, यूएस नगर भारी से भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है। प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव ने इस बारे में निदेश जारी किए हैं। हर स्तर पर तत्परता और सुरक्षा का ध्यान रखा जाए और आवागमन पर किसी भी आपदा के दृष्टिगत नियंत्रण सुनिश्चत किया जाए। इसी के चलते प्रदेश के तमाम जिलों में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र अगले दिन के लिए बंद किये गए हैं।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में मीडिया से बात करते हुए प्रदेश के जनमानस से सतर्कता बरतने और अनावश्यक आवाजाही न करने की अपील की है। साथ ही प्रशासन को रेड अलर्ट मोड पर रखा गया है। बता दें कि इस बीच दो दिन हुई बारिश से प्रदेश की सभी छोटी बड़ी नदियां, नाले गाड, गदेरे अपने पूरे उफान पर हैं। जगह जगह से भू धसाव की खबरें सामने आ रही हैं।

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