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किस्सा : जब शराब की लत के चलते गुलदार ने मार डाले 18 लोग

– पिथौरागढ़ में गुलदार को शराब की लत ने बना दिया था आदमखोर, रोज शराबियों को बनाने लगा निशाना
PEN POINT, DEHRADUN : शराब के नशे में इंसान के वहशी हो जाने की खबरें यदा कदा आती रहती है, शराब के नशे में डूबकर इंसान हत्यारा तक हो सकता है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी एक बार एक गुलदार को भी शराब की इस कदर लत लगी कि वह घात लगाकर शराब के नशे में चूर लोगों को अपना शिकार बनाता। शराब का स्वाद गुलदार के मुंह ऐसा चढ़ा कि उसने बेहद कम समय में ही 18 ऐसे लोगां को मार दिया जो शराब के नशे में थे और उनकी आंतों में जमा शराब को पी जाता।
साल 2014 में पिथौरागढ़ जनपद के डीडीहाट क्षेत्र में एक साल में ही एक गुलदार के हमले में 18 लोगों की मौत हो गई। आदमखोर बने इस गुलदार की दहशत यूं थी कि शाम होते ही पूरे इलाके में सन्नाटा छा जाता। लेकिन, इस आमदखोर के व्यवहार को लेकर वन विभाग भी हैरान था। होता यूं था कि गुलदार जिस भी आदमी को मार गिराता उसका सिर्फ पेट खाता था और बाकी शरीर का हिस्सा यूं ही छोड़ देता। दूसरा, कई आदमखोर गुलदारों को मारने वाले लखपत रावत बताते हैं कि अन्य आदमखोर गुलदारों की तरह इस गुलदार ने बच्चों और महिलाओं को अपना शिकार नहीं बनाया जबकि गुलदार जब जंगल में शिकार करने में असमर्थ हो जाता है या आदमखोर हो जाता है तो पहला शिकार बच्चे या महिला को बनाता है। बहुत कम मामलों में ही गुलदार आदमी पर पहला हमला कर उसे अपना शिकार बनाता है। लेकिन, इस गुलदार का मिजाज बेहद अलग था। खैर, बाद में लखपत रावत और एक जॉय हुकील ने एक ऑपरेशन चलाकर इस आदमखोर को ढेर कर दिया था। लेकिन, इस आदमखोर गुलदार के ढेर होने के बाद मामला खुला कि इस गुलदार को शराब की लत लग गई थी और इसके लिए वह शराब के नशे में धुत लोगों को ही अपना शिकार बनाता था और उनका पेट खाकर अपने नशे की लत को पूरा करता।
विशेषज्ञों की माने तो डीडीहाट और पिथौरागढ़ के समीप देर शाम को शोर मचा कर आने वाले शराब के नशे में धुत लोगां की आवाज गुलदार पहचानने लगा था। सामान्य तौर पर बातचीत करने वाले लोगों और नशे में धुत्त लोगों की आवाज में गुलदार फर्क करना भी सीख गया था। देर शाम जैसे ही कोई नशे में धुत्त व्यक्ति शोर मचाते हुए रास्ते से गुजरता तो गुलदार उस पर हमला कर उसे मार देता फिर तस्सली से उसका पेट चीरकर आंतें खा जाता। माना जाता है कि शराब पीने के बाद आदमी के पेट में अगले पांच से छह घंटे तक शराब रहती है। शराब के नशे में धुत्त लोगों को छोड़ इस गुलदार ने अन्य किसी पर हमला नहीं किया।
लखपत रावत बातचीत में बताते हैं कि शराब पीकर रात अधरात लड़खड़ाते, रास्ते में सो जाने या बेवजह होहल्ला करना गुलदार खुद बुलाने जैसा था। एक बार रात को जब गुलदार ने एक शराबी पर हमला किया तो उसका पेट खाने के बाद गुलदार को संभव है कि नशा चढ़ा होगा उसके बाद से ही गुलदार शराब के नशे में धुत्त लोगां का इंतजार करता और उन्हें अपना शिकार बनाता। लखपत रावत बताते हैं कि ऐसा पहली बार नहीं था कि जब कोई गुलदार शराब की लत के कारण आदमखोर बना हो। पहाड़ के कस्बों, बाजारों से देर शाम शराब के नशे में हो हल्ला करके जाने वाले लोगों से शराब की महक से भी कई गुलदार हमलावर हुए और शराब की लत से आदमखोर साबित हुए।

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