महिला दिवस : शांत प्रदेश में हर दिन 10 महिलाओं के साथ हो रही आपराधिक वारदात
-हर दिन औसतन 10 महिलाएं हो रही किसी न किसी हिंसा की शिकार, हर दिन किसी एक महिला के साथ होता है दुष्कर्म
PEN POINT, DEHRADUN : आज देश दुनिया भर में होली के त्यौहार के साथ ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस भी जोर शोर से मनाया जा रहा है। भारत में होली के उत्साह के बीच भले ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का शोर फीका पड़ गया हो और सरकारी छुट्टियां होने की वजह से इस दिन होने वाले औपचारिक कार्यक्रम जिनमें महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान की बाते की जाती है वह नहीं होता दिख रहा। उत्तराखंड में भी महिला दिवस मनाया जा रहा है लेकिन इस मौके पर यह जानना जरूरी है कि अपराध के लिहाज से शांत माने जाने इस राज्य में हर दिन औसतन 10 महिलाओं के खिलाफ कोई न कोई अपराध होता है। इस बात की तस्दीक राष्ट्रीय अपराध रेकार्ड ब्यूरो (NCRB) की सलाना जारी होने वाली रिपोर्ट करती है।
यूं तो सनातन संस्कृति में यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः अर्थात जहां नारी की पूजा की जाती है, उसका सम्मान किया जाता है वहां देवताओं का वास होता है। लेकिन, उत्तराखंड में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की लिस्ट देंखे तो लगता नहीं है कि यहां लोग वास्तव में इन लाइनों पर विश्वास करते हैं। राज्य की आधी आबादी यानि 55 लाख से अधिक संख्या महिलाओं की है। राज्य आंदोलन से लेकर नशा विरोधी आंदोलन, पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित चिपको आंदोलन समेत न जाने कितने सामाजिक आंदोलनों की अगुवा बनी राज्य की महिलाओं के खिलाफ हिंसा व अपराध के मामले हर साल बढ़ रहे हैं। एनसीआरबी की जारी रिपोर्ट की माने तो 2019 से लेकर 2021 तक हर साल राज्य में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में भारी बढ़ोत्तरी देखी गई है। 2020 के मुकाबले ही 2021 में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में 20 फीसदी के करीब बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। साल 2019 में जहां राज्य के सभी 13 जिलों में महिलाओं के खिलाफ कुल 2541 अपराध दर्ज किए गए थे वहीं, इसकी संख्या 2020 में बढ़कर ं2846 हो गई तो 2021 में इसमें 20 फीसद के करीब बढ़ोत्तरी दर्ज की गई और यह संख्या 3431 तक पहुंच गई।
2021 में राज्य में दहेज उत्पीड़न के 414 मामले दर्ज किए गए, इसमें से 72 ऐसे मामले थे जिनमें दहेज के लिए दुल्हन की हत्या कर दी गई। जबकि, 2021 में ही 2 मामले एसिड अटैक के भी राज्य में दर्ज किए गए। 402 महिलाओं के इस दौरान अपहरण किया गया यानि हर दिन औसतन 1 महिला का अपहरण। जबकि, जबरन विवाह के लिए राज्य में 200 महिलाओं के अपहरण के मामले दर्ज किए गए।
हर दिन एक महिला से दुष्कर्म
राज्य में बढ़ते दुष्कर्म के मामले भी राज्य की छवि पर तो बट्टा लगा ही रहे हैं साथ ही महिलाओं की सुरक्षा के प्रति गंभीर सवाल पैदा कर रहे हैं। 2021 में हर दिन औसतन एक से दो दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए। पूरे साल भर 534 मामले दुष्कर्म के सामने आए। वहीं, महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने, उनके साथ अनुचित व्यवहार करने, बदनाम करने के 655 के मामले दर्ज किए गए। सोशल मीडिया के जरिए महिला के चरित्र हनन, उसे बदनाम करने के 64 मामले दर्ज किए गए।
हर दिन दो बच्चियां दुष्कर्म की शिकार
18 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के खिलाफ भी अपराध ने इस राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में हर दिन औसतन दो बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं सामने आए। पूरे साल भर पोक्सो अधिनियम के तहत 689 मामले दर्ज किए गए।
Report by – Pankaj Kushwal