कोश्यारी को Y श्रेणी सुरक्षा, मामला सुरक्षा का या मुलाकातियों पर लगाम का
भगत सिंह कोश्यारी को राज्य सरकार ने दी वाई सुरक्षा श्रेणी, गृह विभाग ने जारी किए आदेश
PEN POINT, DEHRADUN। हाल ही में महाराष्ट्र राजभवन से उत्तराखंड लौटे पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को राज्य सरकार ने वाई श्रेणी की सुरक्षा दी है। हालांकि, गृह विभाग का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री के नाते भगत सिंह कोश्यारी को वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला लिया गया लेकिन माना जा रहा है कि भगत दा के आवास पर उमड़ रही समर्थकों की भीड़ ने सरकार के माथे पर भी सिकन ला दी है ऐसे में वाई श्रेणी की सुरक्षा के जरिए भगत सिंह कोश्यारी तक मुलाकात करने को पहुंच रहे लोगां पर लगाम लगानी है।
भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र से लौटे हुए सप्ताह भर का समय हो गया है। तीन महीने पहले भगत सिंह कोश्यारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राज्यपाल पद छोड़ने की पेशकश की थी। आखिरकर बीते दिनों उनकी मुराद पूरी हुई और उन्हें राजभवन से विदाई दी गई। उनके उत्तराखंड लौटने से पहले ही राज्य की राजनीति में उनकी भूमिका को लेकर कई कयास लगाए जाने लगे। राज्य के राजनीतिक माहौल को गर्म होते देख कोश्यारी ने कहा कि वह अब सिर्फ अध्ययन व चिंतन करना चाहते हैं। दून वापसी पर भाजपा ने उनका भव्य स्वागत भी किया। देहरादून डिफेंस कॉलोनी में पहुंचते ही भगत सिंह कोश्यारी का यह घर राज्य में भाजपा के बड़े नेताओं से लेकर छोटे कार्यकर्ताओं तक के लिए शक्ति का केंद्र बन गया। यहां तक कि बीते दिन ही पेपर लीक मामले में देहरादून में हुए प्रदर्शन के दौरान जेल भेजे गये युवाओं से भी कोश्यारी की मुलाकात ने साबित कर दिया कि उनके दरवाजे सबके लिए खुले हैं। पेपर लीक मामले में हुए भारी प्रदर्शन के आरोप में जिन युवाओं को पुलिस ने जेल भेजा था उन युवाओं से मुलाकात की तस्वीरे सार्वजनिक होने के बाद देर शाम को राज्य सरकार की ओर भगत सिंह कोश्यारी को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई। ऐसे सवाल उठ रहा है कि वाई श्रेणी सुरक्षा के जरिए क्या सरकार भगत सिंह कोश्यारी के मुलाकातियों पर लगाम लगानी चाहती है।
आंदोलन के चेहरों पर सीएम का कड़ा रूख, पर कोश्यारी ने खोले दरवाजे
बीते दिनों देहरादून में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक मामले में युवाओं ने भारी विरोध प्रदर्शन किया था। हजारों की संख्या में युवा सड़क पर उतरे तो कुछ देर बाद ही पत्थरबाजी की घटना शुरू हुई तो प्रदर्शनकारी युवाओं पर पुलिस ने लाठी भांजनी शुरू कर दी। कई युवा इस लाठीचार्ज में घायल हुए। आंदोलन का चेहरा बने कुछ युवाओं को पुलिस ने जेल भेज दिया। यहां तक कि जेल में बंद युवाओं की जमानत को लेकर भी सरकार का सख्त रवैया रहा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस प्रदर्शन और प्रदर्शन का चेहरा बने युवाओं को लेकर अपने सख्त तेवर हर मंच से दिखाए। ऐसे में मंगलवार को उक्त आंदोलन के चेहरे रहे और जेल में रहे युवाओं ने डिफेंस कॉलोनी स्थित भगत सिंह कोश्यारी के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात भी की और पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच की भी मांग के साथ ही प्रदर्शन के दौरान युवाओं पर लगे मुकदमों को हटाने की मांग की।