Search for:
  • Home/
  • उत्तराखंड/
  • ताकि शुद्ध रहे आबो हवा, इसलिए दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आने वालों का सफर होगा महंगा

ताकि शुद्ध रहे आबो हवा, इसलिए दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आने वालों का सफर होगा महंगा

PEN POIN, DEHRADUN: लम्बे समय से राज्य हित में जिस बात को लेकर बुद्धिजीवियों और पर्यावरण प्रेमियों के बीच अकसर चर्चा हुआ करती थी। आखिरकार उस दिशा में बढ़ने के संकेत राज्य के सड़क परिवहन मंत्री चन्दन राम दास ने दे दिए हैं। अब राज्य सरकार का यह महकमा कुछ अच्छा कदम उठाता हुआ दिख रहा है। मंत्री की माने तो अब भविष्य में उत्तराखंड की सबसे बड़ी धरोहर यहाँ के जल जंगल और साफ सुथरी हवा को बचाने और उससे राज्य के अपने राजस्व खजाने में कुछ बढ़ोत्तरी होगी। निश्चित तौर पर प्रदेश के लोगों को भी इसका लाभ किसी ना किसी रूप में मिलेगा। कई मामलों में ये अप्रत्यक्ष लाभ दिया भी जा रहा है। लेकिन इसकी भरपाई नहीं हो पा रही थी, लेकिन अब इस विभाग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

विभागीय मंत्री चन्दन राम दास के मुताबिक परिवहन महकमा अब बाहरी राज्यों से आने वाली गाड़ियों पर प्रवेश शुल्क के बजाए ग्रीन सेस लगाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए नया सिस्टम तैयार किया जा रहा है। फास्टैग की तर्ज पर गाड़ियों से ग्रीन टैक्स कट जाएगा। इसके अलावा, राज्य में रोडवेज और प्राइवेट ऑपरेटरों की बसों का किराया कम करने की भी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।

यह जानकारी राज्य के परिवहन मंत्री चंदनराम दास ने दी। ग्रीन सेस केवल बाहर से आने वाले वाहनों से ही लिया जाएगा। इसका खाका तैयार किया जा रहा है। उत्तराखंड के वाहन इससे मुक्त रहेंगे। मालूम हो कि राज्य में अब तक प्रवेश शुल्क की व्यवस्था लागू है पर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को इस टैक्स को बंद करने के निर्देश दिए थे.

पिछले कुछ समय से परिवहन विभाग ग्रीन सेस का साफ्टवेयर तैयार करने में जुटा हुआ है। यह टैक्स 30 से 60 रुपये तक हो सकता है। मंत्री ने बताया कि रोडवेज व प्राइवेट आपरेटरों की बसों का किराया कम करने के लिए आवास विभाग के साथ मिलकर एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required