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तो दो हजार रूपए के नोट पर पाबंदी भी साबित हुई ब्लैक एंड व्हाईट योजना

– बैंकों की माने तो अब तक जितने भी नोट बदले गए उनमें से 80 फीसदी के करीब बैंक खातों में जमा किए गए
PEN POINT, DEHRADUN : 2016 में हुई नोटबंदी के दौरान जब प्रचलन में चल रहे एक हजार व पांच सौ रूपए के 99 फीसदी के करीब नोट वापिस बैंकों में आ गए तो विपक्षी नेताओं खासकर कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी को काले धन को सफेद करने की स्कीम करार दिया था। उन्हांनेे इसे ब्लैक एंड व्हाइट योजना बताया। हालांकि, नोटबंदी के दौरान ही नवंबर 2016 में केंद्र सरकार ने दो हजार रूपए का नोट जारी किया।
बीते मई महीने में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से प्रचलन में जारी 2000 के नोट को 30 सितंबर 2023 तक बदलने की घोषणा की थी। यह दो हजार रूपए के नोट को प्रचलन से बाहर करने का फैसला था। 23 मई 2023 से बैंकों के जरिए दो हजार के नोट बदलने या खातों में जमा करने की शुरूआत की कई। करीब दो सप्ताह भर में ही 90 फीसदी दो हजार रूपए के नोट बैंकों में या तो बदले जा चुके हैं या खातों में जमा किए जा चुके हैं। हाल ही में बैंकों की ओर से जारी बयान में बताया गया कि जितने भी दो हजार रूपए के नोट बदले जा रहे हैं उनमें से 80 फीसदी बैंक खातों में जमा किए जा रहे हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो प्रचलन में चल रहे 3.9 लाख करोड़ रूपए मूल्य के दो हजार रूपए के बैंक खातों के जरिए वैध हो गए हैं। ऐसे में उन दावों पर भी सवाल उठने लगे हैं जब दो हजार के नोट बंद करने की घोषणा की गई तो सत्तारूढ़ दल से जुड़े नेताओं ने इसे काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक बताया था और दावा किया था कि दो हजार रूपए के नोट जिन लोगों ने बड़ी संख्या में जमा किए हुए हैं उनके लिए यह योजना मुसीबत बन जाएगी। लेकिन, आरबीआई ने दो हजाaर के नोटबंदी के दो सप्ताह बाद जो तस्वीर पेश की है उससे सत्तारूढ़ दल के नेताओं के इन दावों की हवा निकलती दिख रही है। देश के लोगांे ने ज्यादातर दो हजार के नोट बदल दिए है। आरबीआई की माने तो जब दो हजार रूपए के नोट पर पाबंदी लगाते हुए इसे बदलने की योजना शुरू की थी तब बाजार में कुल 3.6 लाख करोड़ के मूल्य वाले दो हजार रूपए के नोट प्रचलन में थे लेकिन 23 मई से लेकर 7 जून के बीच 90 फीसदी से अधिक नोट बदले और बैंक खातों में जमा हो चुके हैं। दो हजार रूपए के नोटों के रूप में अब कुल 365 अरब रूपए के मूल्य के नोट ही बैंकों में वापिस नहीं आए है जबकि अभी भी नोट बदलने की आखिरी तारीख में चार महीने के करीब का समय है। ऐसे मंे उम्मीद लगाई जा रही है कि दो हजार के जितने भी नोट बाजार में प्रचलन में वह बैंकों में वापिस आ जाएंगे। ऐसे में दो हजार रूपए के नोट जिन लोगों ने काले धन के रूप में जमा किए थे उन्हें सरकार ने इस काले धन को सफेद करने का मौका उपलब्ध करवा दिया।

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