शराब के शौकीनों के मामले में उत्तर भारत में उत्तराखंड अव्वल
उत्तर भारत में सर्वाधिक शराब पीते हैं उत्तराखंडवासी करीब 32 फीसदी उत्तराखंडवासी पीते हैं शराब, इस
मामले पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश से आगे
PEN POINT DEHRADUN : बीते सोमवार को जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक के बाद बैठक में चर्चा में आए मुद्दे मीडिया में आए तो सोशल मीडिया पर अचानक वायरल हो गये। असल में पड़ोसी राज्यों से शराब तस्करी रोकने के लिए राज्य सरकार ने शराब के दामों में कमी करने का फैसला लिया। इस फैसले पर राज्य सरकार को खूब ट्रोल किया गया।
लेकिन, वास्तविकता यह भी है कि उत्तर भारत में शराब पीने के मामले में उत्तराखंड की आबादी सबसे आगे है। नेशनल फैमिली सर्वे समेत विभिन्न सर्वे में आए आंकड़े इस बात की तस्दीक भी करते हैं। फैमिली हैल्थ सर्वे ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि उत्तराखंड में करीब 32.1 फीसदी आबादी शराब की लत में है। जबकि, पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में यह तादाद 31.9 फीसद है। इस लिहाज से उत्तर भारत के राज्यों में सर्वाधिक शराब पीने वाली आबादी की दर्जा उत्तराखंड को मिला है। दिल्ली 27.9 फीसद इस सूची में तीसरे नंबर पर है। राज्य की कमाई का बड़ा जरिया शराब पर लगने वाले कर ही है। राज्य सालाना करीब तीन हजार करोड़ रूपये से अधिक राजस्व शराब से कमाता है। राज्य में सरकार के लिए कमाई के लिहाज से आबकारी विभाग बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चालू वित्तीय वर्ष में ही आबकारी के जरिए राज्य सरकार ने करीब 3600 करोड़ रूपये जुटाए, लिहाजा अगले वित्तीय वर्ष के लिए चार हजार करोड़ रूपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है।
राज्य बड़ी आबादी शराब की तलबगार है, विभिन्न सर्वे इस बात की पुष्टि भी करती है। वहीं एम्स ऋषिकेश ने हालिया अपने एक सर्वे में खुलासा किया देहरादून, हरिद्वार की आधी आबादी शराब पीती है। सर्वाधिक 30 से 49 आयु वर्ग के पुरूष शराब पीते है। वहीं, दोनों शहरों में करीब 22 फीसदी महिलाएं भी शराब का शौक रखती है।