कौन हैं संत अमोघ लीला दास, जिन्हें स्वामी विवेकानंद पर टिप्पणी के बाद इस्कॉन ने किया बैन
Pen Point, Dehradun: सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरने वाले अमोघ लीला दास को इस्कॉन ने एक माह के लिए बैन कर दिया है। स्वामी विवेकानंद और उनके गुरू रामकृष्ण परमहंस पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद इस्कॉन ने यह कदम उठाया है। अमोघ लीला दास इस्कॉन के द्वारका चैप्टर के उपाध्यक्ष हैं। इसके लिये इस्कॉन की ओर बाकायदा कारण सहित एक पत्र जारी किया गया है। गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर अमोघ लीला दास के प्रशंसकों की बड़ी तादाद है। जीवन और आध्यत्म से जुड़े उनके कई वीडियो वायरल हुए हैं। इसके साथ ही वे एक मोटिवेशनल स्पीकर बनकर भी उभरे हैं। आध्यत्म को लेकर नई और व्यावहारिक सोच के कारण उन्होंने युवाओं का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
अमोघ लीला दास का असली नाम आशीष अरोड़ा है और लखनऊ के एक धार्मिक पंजाबी परिवार में उनका जन्म हुआ। उनकी उम्र अभी 43 साल है और 29 साल की उम्र में वे इस्कॉन के साथ जुड़ गए थे। इससे पहले उनकी जिंदगी पर नजर डालें तो सॉप्टवेयर इंजीनियर की डिग्री लेने के बाद उन्होंने 2004 में अपने प्रोफेशनल करियर की शुरूआत की थी। तब उन्होंने एक अमेरिकी मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी मिली थी। उनका ये करियर बेहतर चल रहा था लेकिन 2010 में उन्होंने इस नौकरी को अलविदा कर दिया। इसके बाद उनाक रूझान अध्यात्म की ओर हो गया और इस्कॉन केसाथ जुड़ गए।
हाल ही में उन्होंने अपने एक प्रवचन के दौरान स्वामी विवेकानंद पर टिप्प्णी की थी। जिसमें उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद मछली खाते थे, जबकि कोई भी दिव्य पुरूष ऐसा नहीं कर सकता है। इसके पेीछे उनका तर्क था कि एक दिव्य पुरूष के भीतर करूणा होती है और वो किसी भी सजीव का भक्षण नहीं कर सकता। इसके साथ ही उन्होंने स्वामी विवेकानंद के गुरू रामकृष्ण परमहंस को लेकर भी व्यंगात्मक टिप्प्णी की। जिसमें उन्होंने परमहंस के जतो मत ततो पंथ के सिद्धांत पर कहा कि सभी मत या राह एक मंजिल पर नहीं पहुंचते हैं। उनकी इन टीपों को लेकर सोशल मीडिया पर ही काफी आलोचना होने लगी जिसे देते हुए इस्कॉन ने पत्र जारी कर उन्हें एक माह के लिए अपने सभी कार्यर्मों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।