एक और सियासी पलटी मारेंगे हरक सिंह ? भाजपा में जाने की है चर्चा !
Pen Point, Dehradun : उत्तराखंड की राजनीति का चर्चित चेहरा यानी हरक सिंह रावत एक बार फिर सुर्खियों में हैं। मनी लॉन्डिं्रंग केस में ईडी की तरफ से राहत मिलने के बाद उनके वापस बीजेपी में जाने की चर्चा है। कयास लगाया जा रहा है कि जल्द ही वह एक और सियासी पलटी मार सकते हैं। गौरतलब है कि 2 अप्रैल को ईडी ने हरक सिंह रावत को पूछताछ के लिये बुलाया था, लेकिन अब इसे टाल दिया गया है और इसके लिये अभी कोई नई डेट भी नहीं दी गई है। बताया जा रहा है कि यह सूचना ईडी के सहायक निदेशक अभय कुमार ने हरक सिंह को ई मेल भेज कर दी है। हरक सिंह रावत की बहु अनुकृति गुंसाई कुछ दिन पूर्व ही कांग्रेस से इस्तीफा दे चुकी हैं। इसके साथ ही कई हरक सिंह समर्थक भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द हरक सिंह भी बीजेपी ज्वाइन कर सकते है.
हरक सिंह रावत और उनकी बहु के यहां ईडी ने बीते माह छापेमारी की थी। उन पर वन मंत्री रहते हुए कार्बेट टाइगर रिजर्व में पेड़ों के अवैध कटान और इसमें मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है। हरक सिंह रावत के विभिन्न ठिकानों पर उस दौरान छापेमारी और पूछताछ की गई। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए हरक सिंह और उनकी पुत्र वधु को ईडी ने नोटिस देकर ईडी के सामने पेश होने को कहा था।
लेकिन लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां शुरू होते ही राजनीतिक करवटें बदलने लगी। हरक सिंह रावत कांग्रेस में हरिद्वार सीट से टिकट के लिये दावेदारी कर रहे थे। लेकिन यहां पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्ग्ज हरीश रावत के बेटे विरेंद्र रावत को पार्टी ने टिकट दे दिया। इसके बाद ही हरक सिंह समर्थकों के और कांग्रेस के टिकट पर लैंसडौन से विधानसभा चुनाव लड़ चुकी उनकी बहु ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया। इसके अलावा हरिद्वार से कांग्रेस का टिकट फाइनल होने के बाद हरक सिंह रावत खुद भी किसी भी कांग्रेस प्रत्याशी के लिये प्रचार करते नजर नहीं आए।
उम्मीद की जा रही है कि अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर हरक सिंह जल्द ही बड़ा निर्णय ले सकते हैं। ईडी से मिली राहत और पुत्रवधु समेत अन्य समर्थकों के कांग्रेस छोड़ने को इसका बड़ा संकेत माना जा रहा है। फिलहाल देखना होगा कि हरक सिंह रावत अगर भाजपा में जाते हैं तो इससे कांग्रेस को कितना नुकसान या भाजपा को कितना नफा होता है।