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सेब की फ्लवारिंग पर बेमौसमी बारिश बर्फवारी का ग्रहण

– इन दिनों सेब की फ्लवारिंग के लिए सेब के पेड़ों को नहीं मिल पा रहा उचित तापमान

PEN POINT, DEHRADUN : सेब की मिठास इस साल बेमौसमी बर्फवारी बिगाड़ सकती है। बीते महीने से लगातार हो रही बेमौसमी बारिश और बर्फवारी से राज्य के सेब बागवानों पर आफत बनकर बरस रही है। इन दिनों जहां फ्लवारिंग सीजन में सेब के पेड़ों पर सफेद फूलों की बहार आनी थी वहां आसमान से गिर रहे सफेद फुहारों ने पेड़ों की रंगत को फीका कर दिया है। फ्लवारिंग के लिए उचित तापमान न मिलने से सेब उत्पादन पर बुरा असर पड़ने की आशंका अभी से जताई जाने लगी है।
उत्तराखंड में 25980 हेक्टेयर में सेब की बागवानी की जाती है। राज्य सालाना 64878 मीट्रिक टन सेब का उत्पादन करता है। सेब उत्पादन के लिहाज से देश भर में कश्मीर और हिमाचल के बाद उत्तराखंड का नंबर है। लेकिन, इस साल सूखी सर्दियों और अब बरसते वसंत ने सेब उत्पादकों की चिंता बढ़ा दी है। इस बार दिसंबर से लेकर जनवरी तक शीत ऋतु में राज्य के ज्यादातर इलाकों में बेहद कम बर्फवारी व बारिश हुई। लिहाजा जिस सीजन में सेब के नए पौधों का पौधारोपण होना था वह सीजन बुरी तरह से सूखे में बीत गया लिहाजा नए बगीचों को विकसित करने की योजनाएं भी धरातल पर नहीं उतर सकी। वहीं, वसंत ऋतु के बाद सेब की फ्लावरिंग शुरू हो जाती है। सेब की फ्लवारिंग के दौरान मौसम के साफ रहने के साथ ही तापमान भी 22 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचना जरूरी होता है। ऐसे में यदि ओलावृष्टि, भारी बारिश या बर्फवारी हुई तो सेब के पेड़ों पर खिले फूलों को भारी नुकसान पहुंचने लगा है। अमूमन इन दिनों पहाड़ी इलाकों में मौसम खुशगवार ही बना रहता है लेकिन, इस साल मौसम के मिजाज पूरी तरह से बदले हुए है। राज्य के ज्यादातर इलाकों में मार्च महीने से लेकर अब तक बारिश और बर्फवारी का सिलसिला जारी है तो कई इलाकों में भारी ओलावृष्टि से भी फसलों फलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
फ्लावरिंग सीजन में लगातार बारिश बर्फवारी से पारे में भी बढ़ोत्तरी दर्ज नहीं हो पा रही है। ऐसे में मौसम के मिजाज ने सेब उत्पादकों की चिंता बढ़ा दी है। मौसम विभाग ने भी अगले कुछ दिनों तक बर्फवारी और बारिश की संभावनाएं जताई है। ऐसे में सेब उत्पादकों की मुसीबतें फिलहाल कम होती नहीं दिख रही है। लिहाजा, सेब सीजन में बाजार में सेब कम दिखे या महंगा बिकता दिखे तो हैरान मत होइएगा।

जिला क्षेत्रफल (हेक्टेयर)  उत्पादन (मीट्रिक टन)
उत्तरकाशी 9288.46 29017.88
देहरादून 4939.84, 7807
टिहरी 3872.87 1966.15
पिथौरागढ़ 1622.10 3044.12
अल्मोड़ा 1578 11835
चमोली 1390.44 2892.16
नैनीताल 1248.76 4734.95
पौड़ी 1174.11 2987.67
बागेश्वर 99.57 14.23
रुद्रप्रयाग 434 217
चम्पावत 332 343

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