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चारधाम यात्रा : तैयारी शुरू,  क्‍या टूट पाएगा 2022 का रिकार्ड

PEN POINT देहरादून : उत्तराखंड चारधाम यात्रा की तिथियां घोषित हो चुकी हैं,  इसी के साथ प्रशासन भी यात्रा की तैयारियों में जुट गया है। बीते साल उमड़े चारधाम यात्रियों के हुजूम को देखते हुए प्रशासन इस बार भी भीड़ नियंत्रण और चारधाम यात्रा को सुगम बनाने की तैयारियों में जुट गया है।

                                            पिछले साल यात्रा का हाल 

इस साल 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। जबकि  केदारनाथ धाम के कपाट 26 अप्रैल और बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खोले जाएंगे। कोरोना संकट के बाद बीते साल चारधाम यात्रा दो साल बाद शुरू हो सकी तो देश विदेश से यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं की भीड़ के आगे शासन प्रशासन की तैयारियां भी नाकाफी साबित हुई। भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने यात्रियों के पंजीकरण की व्यवस्था का स्लॉट आवंटित करने की व्यवस्था बनाई लेकिन आनन फानन में अमल लाई गई इन व्यवस्थाओं ने चारधाम यात्रा को सुगम बनाने की बजाए यात्रियों व प्रशासन की मुसीबत ही बढ़ा दी। पिछले वर्ष चारधाम यात्रा में 45 लाख से भी अधिक यात्री पहुंचे थे। चारधाम में उमड़ने वाली भीड़ व संसाधनों पर जबरदस्त दबाव की तस्वीरें जब सामने आने लगी तो सरकार की व्यवस्थाओं व भीड़ नियंत्रण पर सवाल उठने लगे। पूरे यात्रा सीजन के दौरान यात्रियों के उमड़ते हुजूम से पर्यटन व्यवसायियों के चेहरे तो खिले लेकिन यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। आलम यह था कि केदारनाथ धाम में बाबा केदार के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को बीस बीस घंटे तक लाइनों में खड़े रहना पड़ा।

                                                क्‍या है इस बार की तैयारी

पिछले साल  से सबक लेते हुए चारधाम यात्रा 2023 की तिथियों की घोषणा के बाद शासन प्रशासन भी यात्राओं की तैयारियों में मुस्तैद दिख रहा है। इस वर्ष वाहनों की कमी न हो इसके लिए परिवहन विभाग ने पड़ोसी राज्यों से भी वाहनों को मंगवाने के साथ ही वर्तमान में राज्य में पंजीकृत यात्री वाहनों के दस्तावेजों को जांचा जा रहा है जिससे यात्रा के दौरान उमड़ने वाली भीड़ के लिए परिवहन व्यवस्था हो सके। वर्तमान में राज्य में नौ यूनियनों में 4 हजार से अधिक बसों को पंजीकृत है इसके साथ ही टैक्सी यूनियनों में पचास हजार से अधिक मैक्स बोलेरो पंजीकृत है। हालांकि, यात्रा के दौरान उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए प्रशासन पड़ोसी राज्यों से भी वाहनों को यात्रा में संचालित करने पर काम कर रहा है। वहीं, बीते वर्ष की तर्ज पर इस वर्ष भी यात्रियों को चारधाम आने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होगा, इस बार सरकार का दावा है कि पंजीकरण की व्यवस्था ऑफलाइन भी रहेगी। पंजीकरण व्यवस्था से सरकार भीड़ नियंत्रण के साथ ही यात्रियों की असुविधाओं को भी कम करने का दावा कर रही है।

                                  टोकन के जरिए होंगे दर्शन, नहीं लगना पड़ेगा लाइनों में

बीते साल केदारनाथ और बदरीनाथ में दर्शन के लिए यात्रियों के बीस बीस घंटे खड़े रहने की खबरों से सबक लेते हुए इस बार पर्यटन विभाग पर्यटकों को लाइनों से मुक्ति दिलवाने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए यात्रियों को दर्शन के लिए टोकन दिए जाएंगे और तीर्थयात्री टोकन नंबर के हिसाब से चारधाम में दर्शन कर पाएंगे। पहली बार पर्यटन विभाग कतार प्रबंधक प्रणाली लागू कर चारधाम यात्रा का संचालन करेगा। टोकन में दर्शन का समय निर्धारित होगा और उसके हिसाब से ही तीर्थयात्री दर्शन करेगा।

                                      जोशीमठ भी प्रभावित करेगा यात्रा को

जोशीमठ में हो रहे धंसाव का असर इस बार चारधाम यात्रा पर पड़ना भी तय है। बदरीनाथ धाम पहुंचने वाले यात्रियों के लिए जोशीमठ एक प्रमुख पड़ाव है। लेकिन, बीते महीने भर से अधिक समय से यह शहर धंस रहा है। जोशीमठ में 68 होटल और 101 होमस्टे पंजीकृत है। बीते साल यात्रा सीजन के दौरान ही यहां होटलों होमस्टे से 40 करोड़ से अधिक की कमाई की गई थी। बदरीनाथ धाम जाने वाले यात्रियों के रात्रि विश्राम के लिए जोशीमठ प्रमुख स्थल है। वहीं, बदरीनाथ हाईवे भी कई किमी तक धंसाव की चपेट में है। वहीं, दूसरी ओर हेलंग बाईपास के निर्माण के खिलाफ जोशीमठ निवासी आवाज बुलंद किए हुए है। हालांकि, हेलंग बाईपास के निर्माण को लेकर सरकार ने स्थानीय विरोध को दरकिनार कर इसके निर्माण को जारी रखने का फैसला लिया है। लेकिन, मौजूदा हालातों को देखते हुए इस बार जोशीमठ चारधाम यात्रा में यात्रियों और प्रशासन को खूब सताएगा।

 

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