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भारतीय फुटबॉल के सबसे महंगे खिलाड़ी बने देहरादून के अनिरूद्ध थापा

-मोहन बागान ने तीन करोड़ रूपए प्रति सीजन के अनुबंध के साथ अपने साथ मिलाया इस सेंट्रल मिडफील्डर कों
Pen Point (Sports Desk):बीते बुधवार की शाम बेंगलूरू के कांतीवीर स्टेडियम में भारत ने पाकिस्तान पर 4-0 की जोरदार जीत दर्ज की। भारत की जीत के हीरो रहे कप्तान सुनील क्षेत्री जिन्होंने गोलों की हैट ट्रिक से एक बार फिर खुद को देश का नायाब फुटबॉलर साबित किया। भारतीय टीम के हर खिलाड़ी ने मैदान पर बेहतरीन खेल दिखाया। लेकिन क्षेत्री के अलावा लोगों की निगाहें देहरादून के अनिरूद्ध थापा पर थी। सात नंबर जर्सी में यह खिलाड़ी हर गोल के लिए चपलता से मौके बनाए जा रहे थे। अनिरूद्ध की खूबियों के बूतें ही उन्हें भारतीय फुटबॉल में क्षेत्री की जगह लेने का दावेदार माना जा रहा है। इस युवा खिलाड़ी को फुटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया सबसे प्रतिभाशाली मिडफील्डर मानता है। हाल ही में मोहन बागान ने उन्हें तीन करोड़ रूपए प्रति सीजन में हासिल कर देश का सबसे उंची कीमत वाला फुटबॉलर बना दिया।
देहरादून में जन्मे अनिरूद्ध थापा ने फुटबॉल का ककहरा अपने घर से ही सीखा। उनके पिता प्रमोद थापा खुद भी देहरादून के जाने माने फुटबॉलर रहे हैं। शहर के मोहिनी रोड नया गांव इलाके में रहने वाले थापा ओनजीसी से रिटायर्ड हैं। देहरादून के बाद फुटबॉल में खुद को तराशने के लिए अनिरूद्ध थापा ने चंडीगढ़ का रूख किया। भारत के लिए सबसे पहले उनहें अंडर 17 टीम में चुना गया। जहां से देश के फुटबॉल जगत को उनकी प्रतिभा देखने को मिली। साल 2015 और 2017 में अनिरूद्ध ने भारत की अंडर 19 और अंडर 23 टीमों का प्रतिनिधित्व किया। इस बीच इंडियन सुपर लीग और आई लीग में उसने खूब जलवा बिखेरा और सीनियर भारतीय टीम में जगह बनाई।
इंडियन सुपर लीग में अनिरूद्ध और चेन्नियन एफसी का लंबा साथ रहा। इसके साथ ही मोहन बागान फुटबॉल क्लब भी लगातार इस सेंट्रल मिड फील्डर को हासिल करने की होड़ में था। हाल ही में आखिकार चेन्नियन का साथ छोड़कर उसने मोहन बागान को अपना अगला ठिकाना बना लिया। साल 2028 तक के लिए मोहन बागान ने उन्हें तीन करोड़ रूपए प्रति सीजन की धनराशि में साइन किया। इसके साथ ही वह सबसे महंगे भारतीय फुटबॉलर बन गए।
फुटबॉल के जानकारों के मुताबिक अनिरूद्ध थापा जिस तरीके से खेल रहे हैं, वह उन्हें भारतीय कप्तान बनने की ओर ले जा रहा है। सुनील क्षेत्री के बाद उनकी जगह अगर कोई ले सकता है तो वह अनिरूद्ध ही हैं। देहरादून फुटबॉल ऐसोसिएशन के सचिव देवेंद्र बिष्ट बताते हैं कि मैंने अनिरूद्ध को बचपन से काफी करीब से देखा है, लिहाजा तभी हमें पता चल गया था कि उसमें बड़ा खिलाड़ी बनने की कुव्वत है, अंडर-17 में उसके चयन के वक्त मुझ पर ही उस आयोजन की जिम्मेदारी थी, इसे मैं अपना सौभाग्य मानता हूं।
अनिरूद्ध के पिता इन दिनों बेंगलूरू में ही हैं और बेटे के साथ ही टीम इंडिया का उत्साह बढ़ा रहे हैं। पैन प्वाइंट से बातचीत में उन्होंने बताया कि इस समय इंडियन टीम बेहतरीन खेल रही है। अनिरूद्ध के खेल को लेकर उन्होंने बताया कि मैदान में उसकी पोजीशन बहुत महत्वपूर्ण है और वह लगातार निखर रहा है।

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