THDC हिस्सेदारी : सबसे महंगे वकील के जरिए कानूनी जंग लड़ेगी धामी सरकार
-टीएचडीसी में हिस्सेदारी की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में दायर मामले की मजबूती से अपना पक्ष रखेगी राज्य सरकार
-मामले में राज्य सरकार जीती तो हर साल मिलेंगे एक हजार करोड़ रूपये, कुछ सालों में मिलेगी दोगुनी रकम
PEN POINT DEHRADUN: टीएचडीसी में अपनी हिस्सेदारी के लिए सर्वोच्च न्यायालय में दायर मामले की पैरवी के लिए धामी सरकार देश के सबसे महंगे वकील की सेवाएं लेगी। गौरतलब है कि राज्य सरकार टीएचडीसी में 25 फीसदी राजस्व की जंग लंबे समय से लड़ रही है। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कमान अपने हाथ में लेते हुए इस जंग में तेजी लाने के लिए बड़े कदम उठाने का फैसला लिया है। अगर इस मामले में राज्य सरकार की सर्वोच्च न्यायालय में जीत हुई तो राज्य को हर साल 1000 करोड़ रूपये टीएचडीसी से मिलेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर ऊर्जा विभाग टीएचडीसी इंडिया लि. में अपनी 25 फीसदी हिस्सेदारी की लड़ाई के लिए बड़ी से बड़ी कीमत चुकाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए देश के सबसे महंगे वकीलों में शामिल मुकुल रोहतगी की सेवाएं ली जाएंगी। गौरतलब है कि मुकुल रोहतगी एक दिन की सुनवाई के लिए 22 लाख रूपये तक की फीस लेते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ने पिछली कैबिनेट की बैठक में शासन के अधिकारियों को टीएचडीसी में हिस्सेदारी के लिए अदालत में मजबूत पैरवी के लिए जरूरी कदम उठाए जाने को कहा था। सचिव ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों के दौरान इस मामले में अदालत में सक्रिय पैरवी के चलते उत्तराखंड के पक्ष में शुरुआती निर्णय आए हैं। उत्तर प्रदेश की हीलाहवाली के चलते न्यायालय में कई साल वाद लंबित था।सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड सरकार की पहल पर कोर्ट ने एक्स पार्टी आर्डर कर दिया था। यूपी ने वाद पुनर्स्थापित करने की अर्जी दी थी, जिसे अदालत ने मंजूर कर दिया। यूपी इस मामले को लटकाना चाहता है, लेकिन राज्य सरकार की पहल पर इस प्रकरण में वाद बिंदू तय हो चुके हैं।
अप्रैल में इस मामले में सुनवाई होने के आसार
अब कोर्ट में मौखिक साक्ष्य होने हैं। सरकार न्यायालय में सुनवाई के लिए कोर्ट से अनुरोध करेगी, ताकि जल्द से जल्द तारीख मिल जाए। अप्रैल में इस मामले में सुनवाई होने के आसार हैं। कोर्ट में पैरवी के लिए सरकार प्रसिद्ध अधिवक्ता मुकुल रोहतगी का सहयोग लेगी।