Search for:
  • Home/
  • उत्तराखंड/
  • सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने की मशक्कत जारी, सीएम ने लिया हालात का जायजा

सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने की मशक्कत जारी, सीएम ने लिया हालात का जायजा

Pen Point, Dehradun : यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने की मशक्कत लगातार जारी है। एक ओर सुरंग से मशीन के जरिए मलबा हटाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सोमवार को वॉकी टॉकी पर मजदूरों से प्रशासन का संपर्क हुआ है, जिसमें पता चला कि फंसे हुए सभी मजदूर फिलहाल सुरक्षित हैं। उनके लिये पाइप के जरिये खाना और पानी भेजा गया। जबकि एक दूसरे पाइप से भीतर ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। उत्तरकाशी जिला प्रशासन की देखरेख में पुलिस, एसडीआरएफ और पीआरडी के जवान इस काम में लगे हैं। राहत बचाव कार्यों के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सोमवार की दोपहर घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने टनल साइट का जायजा लेते हुए अफसरों को जरूरी दिशा निर्देश दिये।

सुरंग के अंदर पहाड़ का उपरी हिस्सा गीला और लूज होने के कारण मलबा हटाने के काम में काफी दिक्कतें आ रही हैं। राहत बचाव कर्मियों के मुताबिक मलबा लगभग 60 मीटर के हिस्से में पसरा हुआ है। मशीन से अभी तक करीब बीस मीटर हिस्से का मलबा ही हटाया जा सका है। बताया जा रहा कि मलबे को हटाते ही उपर से लगातार भूस्खलन हो रहा है। जिसके चलते यह काम कई बार बाधित हो रहा है। सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिये अभी तीस मीटर की दूरी और तय करनी है। राहत बचाव के इस काम की सरकार हर पल की अपडेट ले रही है। बताया जा रहा है कि श्रमिकों को सकुशल बाहर निकलने के लिये देहरादून और हरिद्वार से बड़े व्यास के ह्यूम पाइप जल्द ही सिलक्यारा टनल तक पहुंचाए जाएंगे।

राहत बचाव के काम का जायजा लेकर टनल से बाहर आने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रोहिला ने बताया बचाव अभियान को पूरी तेजी से संचालित किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न एजेंसियों और विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है ताकि टनल के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित जल्द से जल्द बाहर निकाला जा सके।

बताते चलें कि उत्तरकाशी के यमुनोत्री हाईवे पर बीते रविवार की सुबह तड़के साढ़े पांच बजे यह हादसा हुआ था। निर्माणाधीन सुरंग में अपनी शिफ्ट पूरी करने के बाद मजदूर दीपावली मनाने की तैयारी में थे लेकिन बाहर निकलने से पहले ही सुरंग में सिलक्यारा की ओर 250 मीटर की दूरी पर 30 से 35 मीटर हिस्सा टूट गया। जिसके कारण करीब 35 मजदूर अंदर ही फंस गए थे।

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required