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टिहरी के उपचुनाव में पिता-पुत्र एक दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में

– नैनबाग क्षेत्र स्थित वार्ड 15 में जिला पंचायत की रिक्त सीट पर उपचुनाव में पिता देवेंद्र सिंह पंवार के खिलाफ चुनावी मैदान में पुत्र मंजीत पंवार, 5 प्रत्याशी उतरे हैं उपचुनाव में
PEN POINT, DEHRADUN : राज्य में इन दिनों त्रिस्तरीय पंचायत की रिक्त सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। अमूमन त्रिस्तरीय पंचायत के उपचुनाव बड़ी खामोशी के साथ संपन्न हो जाते हैं लेकिन टिहरी गढ़वाल की एक जिला पंचायत सीट पर उपचुनाव के लिए उतरे दो दावेदारों ने इस चुनावी जंग को रौचक बना दिया है। यहां एक जिला पंचायत सीट पर पिता और पुत्र दोनों ही चुनावी मैदान में उतरे हैं और एक दूसरे को हराने के लिए खूब पसीना बहा रहे हैं।
टिहरी जनपद के नैनबाग क्षेत्र स्थित बिष्टोसी जिला पंचायत का चुनाव साल 2019 में अमेंद्र सिंह बिष्ट विजयी रहे थे। उस चुनाव में देवेंद्र सिंह पंवार को शिकस्त तो मिली लेकिन अमेंद्र सिंह बिष्ट पर उन्होंने दस्तावेजों में गड़बड़ी का आरोप लगाकर न्यायालय का रूख किया। बीते चार सालों से यह मामला न्यायालय में लंबित था बीते दिनों मामले में न्यायालय ने देवेंद्र सिंह पंवार के आरोपों को सही पाते हुए अमेंद्र सिंह बिष्ट की सदस्यता रद कर दी थी। जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया था। अब त्रिस्तरीय पंचायत उपचुनाव में टिहरी जनपद की बिष्टोसी जिला पंचायत रिक्त सीट पर भी चुनाव हो रहे हैं। इस रिक्त सीट पर देवेंद्र सिंह पंवार चुनावी मैदान में उतरे हैं, उनको भाजपा का समर्थन प्राप्त है। भाजपा ने बाकायदा पत्र जारी कर देवेंद्र सिंह पंवार को पार्टी का समर्थन देने का भी एलान किया। भाजपा टिहरी गढ़वाल के जिलाध्यक्ष की ओर से 20 सितंबर को पत्र जारी कर वार्ड 15 बिष्टोसी से देवेंद्र सिंह पंवार को पार्टी की ओर से अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया गया। यूं तो राष्ट्रीय पार्टियां प्रत्यक्ष रूप से त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों से दूर रहती है लेकिन टिहरी भाजपा की ओर से जारी पत्र में देवेंद्र पंवार को पार्टी अधिकृत प्रत्याशी घोषित किए जाने से राजनीतिक हलकों में भी खूब चर्चा हो रही है।

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अब देवेंद्र पंवार की ओर से नामांकन भी किया जा चुका है लेकिन उनके नामांकन के बाद ही उनके पुत्र मंजीत पंवार ने भी नामांकन कर दिया। हालांकि, उम्मीद जताई जा रही थी कि नाम वापसी के आखिरी दिन तक पिता पुत्र में सुलह हो जाएगी और मंजीत पंवार अपना नामांकन वापिस ले लेंगे लेकिन नाम वापसी की तिथि गुजरने के बाद न पिता देवेंद्र सिंह पंवार ने अपना नामांकन वापिस लिया न पुत्र मंजीत पंवार ने। लिहाजा, अब जिला पंचायत की इस सीट पर चुनावी मुकाबला रौचक हो गया है। यहां पिता और पुत्र एक दूसरे के प्रतिद्वंदी के तौर पर चुनावी मैदान में है तो जाहिर सी बात है एक दूसरे को हराने के लिए भी पूरी जोर आजमाइश कर रहे हैं।
नैनबाग के मंडल अध्यक्ष करन सिंह कंडारी बताते हैं कि बताते हैं कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सबको चुनाव लड़ने का अधिकार है और इसमें कोई पिता पुत्र हो या पति पत्नी, कोई भी दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर सकता है और बाकी मतदाताओं पर निर्भर करता है। करन सिंह कंडारी कहते हैं कि देवेंद्र सिंह पंवार द्वारा निर्वतमान जिला पंचायत सदस्य अमेंद्र सिंह बिष्ट के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई लड़ी और वह लड़ाई उन्होंने जीती भी है अब वह जनता के सामने हैं और इस भी जनता उन्हें भारी मतों से विजयी बनाएगी।

हालांकि, चुनाव परिणाम कुछ भी हो लेकिन पिता-पुत्र के चुनावी मैदान में एक दूसरे के खिलाफ उतरने से इस उपचुनाव को रौचक व चर्चा का विषय जरूर बना दिया है।

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