वन विभाग की रिपोर्ट ने निकाली लैंड जिहाद की हवा
– वन विभाग की रिपोर्ट का दावा, राज्य में वन भूमि पर केवल 36 मजार अवैध, ढाई सौ से ज्यादा मंदिरों का वन भूमि पर कब्जा
PEN POINT, DEHRADUN : राज्य में लैंड जिहाद के नाम से सांप्रदायिक फिजा खराब करने के अभियानों की हवा वन विभाग के वन भूमि पर मंदिर मस्जिद अतिक्रमण की रिपोर्ट ने निकाल दी है। वन विभाग की रिपोर्ट ने उन दावों को भी खारिज कर दिया है जिसमें यह कहा गया था कि प्रदेश भर में वन विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा कर 1 हजार से ज्यादा मजारें बना दी गई है। वन विभाग की माने तो राज्य में वन भूमि पर कुल 36 मजारें अवैध रूप से बनाई गई हैं, जबकि ढाई सौ से ज्यादा मंदिरों का निर्माण वन भूमि पर कब्जा कर किया गया है।
राज्य में इन दिनों मजार के नाम पर वन भूमि के अतिक्रमण के मुद्दे को खूब हवा दी जा रही है। नेशनल मीडिया ने जहां इसे लैंड जिहाद का नाम देकर जन भावनाओं को भड़काने का काम किया वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी राज्य में मजार के नाम पर अवैध अतिक्रमण को लैंड जिहाद का नाम देकर इसके खिलाफ अभियान चलाने की बात कही। लेकिन, वन विभाग की रिपोर्ट मीडिया और मुख्यमंत्री समेत हिंदुवादी संगठनों के इस दावे की हवा निकाल रहा है। वन विभाग की वन भूमि पर अतिक्रमण की रिपोर्ट की माने तो राज्य में वन भूमि पर कब्जा कर मंदिरों का खूब निर्माण किया गया है। हालांकि, मजार के नाम पर भी तीन दर्जन से अधिक अवैध कब्जों की पुष्टि हुई है।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार राज्य भर में वन भूमि में 270 मंदिर ऐसे हैं जिनका निर्माण वन भूमि पर कब्जा करके करवाया गया है जबकि वन भूमि पर 36 मजार अवैध रूप से निर्मित पाई गई है। जिसमें से 26 मजार राष्ट्रीय पार्क क्षेत्र में स्थित है। वन विभाग की ओर से अवैध कब्जों की जो सूची जारी की गई है उसके मुताबिक टनकपुर का प्रसिद्ध पूर्णागिरी मंदिर, गिरीजा मंदिर का निर्माण भी वन भूमि पर किया गया है।
ऐसे में राज्य में वन भूमि पर हजारों अवैध मजारों का दावा करने वाले हिंदुवादी संगठनों के साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान भी वन विभाग के आंकड़ें झूठला रहे हैं। ऐसे में लैंड जिहाद के नाम पर बनाई जा रहा हव्वा भी राज्य में सांप्रदायिक माहौल को खराब करने की साजिश नजर आता है। सवाल यह भी उठता है कि आखिर वह कौन सा सर्वे है जिसके दम पर कुछ मीडिया हाउस और मुख्यमंत्री तक यह दावा कर रहे हैं कि राज्य भर में वन भूमि पर अवैध कब्जा कर एक हजार के करीब मजारों का निर्माण किया गया है जिसे हटाने के लिए मुख्यमंत्री एक विशेष अभियान चलाने की बात कह चुके हैं।
वन मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि यह मामला वन भूमि पर अतिक्रमण का नहीं मंशा का है और राज्य सरकार प्राचीन धरोहरों, मंदिरों, निर्माण को छुएगी भी नहीं लेकिन नए अवैध कब्जों को हटाया जाएगा।