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अलविदा चंदन रामदास : राजनीति के खेल में सामाजिक छवि बनी रही

PEN POINT, DEHRADUN : उत्‍तराखंड सरकार में परिवहन एवं समाज कल्‍याण मंत्री चंदन रामदास का बुधवार को निधन हो गया। उन्‍होंने बागेश्‍वर के जिला अस्‍पताल में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी समेत राज्‍य के सभी राजनीतिक दलों के लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया। साथ ही सरकार की ओर से तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है।

बीते मंगलवार को वे अल्‍मोड़ा में हेमवती नंदन बहुगुण के जयंती कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उसके बाद शाम को बागेश्‍वर पहुंचने पर उनकी तबियत बिगड़ गई। जिस पर उन्‍हें जिला अस्‍पताल बागेश्‍वर में भर्ती कराया गया। जहां उपचार के दौरान उनका निधन हो गया।

बीमारी के बावजूद चंदन राम दास राजनीति में काफी सक्रिय रहे। उनका राजनीतिक सफर 43 साल पहले शुरू हुआ था। 1997 में नगर पालिका बागेश्वर से पहला चुनाव जीते थे। तब वे निर्दलीय अध्यक्ष बने थे। इसके बाद साल 2000 में बीजेपी ज्वाइन की थी। तब भगत सिंह कोश्यारी बीजेपी सरकार में राज्य के मुख्यमंत्री थे।

2007 में चंदन रामदास ने पहला विधानसभा चुनाव जीता। इसके बाद से वो लगातार चार बार विधानसभा पहुंचे। चंदन राम दास 2007, 2012, 2017 और 2022 में जीत दर्ज कर विधायक बने थे। बीते विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार बागेश्वर विधानसभा सीट पर हराया था।

चंदन रामदास उन गिने चुने नेताओं में शामिल थे जो पार्टीवाद से ऊपर उठकर लोगों के काम करते थे। वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता चामू सिंह गस्‍याल ने उनके साथ काफी समय बिताया है। वे बताते हैं कि चंदन रामदास ने जिस तरीके से बागेश्‍वर में अपनी राजनीतिक जमीन तैयार की वह अनुकरणीय है। व्‍यहार में शालीन और सामाजिक कार्यों को तत्‍पर रहने वाले चंदन रामदास भले ही भाजपा के प्रमुख चेहरों में शामिल थे, लेकिन सभी दलों के लोगों से के साथ वे सहज रहते थे। काम को लेकर भी अपना दल और दूसरे दल जैसा भेद भाव उनके मन में कभी नहीं रहा।

उत्‍तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री रहने के बावजूद वे मंत्रियों को आवंटित सरकारी आवास में नहीं रह रहे थे। बताया जा रहा है कि बीमारी की वजह से उन्‍होंने कुछ समय पहले यह आवास छोड़ दिया था।

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