Search for:

…तो अगले साल ही होंगे निकाय चुनाव

ओबीसी के आंकड़ों में गड़बड़ी सामने आने से इस साल नवंबर में नगर निकाय चुनावों का होना मुश्किल
PEN POINT, DEHRADUN : नवंबर महीने में प्रस्तावित नगर निकाय चुनाव अब अगले साल हो सकते हैं। ओबीसी के आंकड़ों में गड़बड़ी के चलते और प्रदेश के कई नगर निकायों की ओर से ओबीसी सर्वे न किए जाने के बाद संभावनाएं जताई जा रही है कि नवंबर महीने में प्रदेश में निकाय चुनाव होने मुश्किल है। ऐसे में नगर निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटे दावेदारों का इंतजार भी लंबा होना तय है।
प्रदेश में नवंबर महीने में होने वाले 102 नगर निकाय चुनावों की तैयारियों में संभावित दावेदार अभी से जुट गए हैं लेकिन संभावित दावेदारों को फिलहाल चुनाव के लिए और इंतजार करना होगा। नगर निकायों में आरक्षण तय करने के लिए ओबीसी सर्वे की जो रिपोर्ट मार्च महीने तक शासन के पास जमा होनी थी लेकिन अप्रैल बीतने को पर वह रिपोर्ट अब तक शासन तक नहीं पहुंच सकी है। निकायों की ओर से ओबीसी सर्वे की रिपोर्ट शासन तक न पहुंचने के बाद आरक्षण तय करने में अभी और वक्त लग सकता है। वहीं, ओबीसी सर्वे का निर्देश देने वाली एकल सदस्यीय समर्पित आयोग ने दावा किया है कि नगर निकायों की ओर से ओबीसी सर्वे में गड़बड़ी की गई है इस बाबत आयोग की ओर से शासन से शिकायत भी की गई है। एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के सदस्य सचिव ओमकार सिंह के मुताबिक, नगर पालिका खटीमा में सर्वे वार्डवार के बजाए आंकड़ों के आधार पर किया गया। आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए खटीमा का सर्वे रद्द कर दिया है। अब शहरी विकास निदेशक को यहां दो सप्ताह के भीतर काशीपुर के अधिकारियों की निगरानी में दोबारा सर्वे कराने को कहा गया है। यही नहीं, नगर पालिका चंपावत और धारचूला के ओबीसी सर्वे में भी आंकड़ों में गड़बड़ी मिली है। वहीं मार्च तक ओबीसी सर्वे पूरे करने के निर्देश के बाद भी राज्य के नगर निगम देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार, श्रीनगर, हल्द्वानी, काशीपुर और रुद्रपुर ने अभी तक ओबीसी सर्वेक्षण की रिपोर्ट नहीं दी है।
नगर निकायों की ओर से जो ओबीसी सर्वे रिपोर्ट  एकल सदस्यीय समर्पित आयोग को उपलब्ध करवाई जाएगी उसके बाद आयोग उन रिपोर्ट पर आपत्तियां सुनेगा जिसके बाद आपत्तियों का निराकरण भी किया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया ही छह से आठ महीने लंबी है। जबकि अब तक आयोग को ओबीसी सर्वे रिपोर्ट नहीं मिली है तो कई निकायों की ओर से सर्वे पूरा भी नहीं किया गया है लिहाजा आयोग तक रिपोर्ट पहुंचने में ही दो से तीन महीने का समय लगना तय है उसके बाद उन पर आपत्तियां, आपत्तियों के निस्तारण में भी करीब तीन से चार महीने का वक्त लगेगा। लिहाजा नवंबर महीने में प्रस्तावित नगर निकाय चुनाव फिलहाल 2024 तक टलने की आशंका है।

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required