Search for:
  • Home/
  • उत्तराखंड/
  • हरिमोहन नेगी को हटाने के आदेश पर हाईकोर्ट की ‘रोक’

हरिमोहन नेगी को हटाने के आदेश पर हाईकोर्ट की ‘रोक’

– नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी को शहरी निदेशालय ने पद से किया था बर्खास्त, शुक्रवार को उच्च न्यायालय ने निदेशालय के फैसले पर दिया स्टे
PENNPOINT, DEHRADUN :नगर पंचायत पुरोला अध्यक्ष  हरिमोहन नेगी को पद से हटाने के शहरी निदेशालय के आदेश पर नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। नेगी को शहरी निदेशालय ने 3 अगस्त को पद से हटा दिया था। शहरी निदेशालय के इस फैसले के खिलाफ नेगी उच्च न्यायालय गए थे, जहां शुक्रवार को उन्हें राहत देते हुए हाईकोर्ट ने उनके बर्खास्तगी के फैसले पर रोक लगा दी।
नगर पंचायत पुरोला अध्यक्ष हरिमोहन नेगी के खिलाफ दो पार्षदों ने निर्माण कार्यों में अनियमितताओं समेत कई आरोप लगाए थे, जिनकी जांच के लिए राज्य सरकार की ओर से समय समय पर अलग अलग जांच समितियां बनाई गई। लगातार लंबी जांच के बाद भी हरिमोहन के खिलाफ भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का कोई ठोस आधार नहीं मिल सका। वहीं स्थानीय भाजपा नेताओं की ओर से लगातार दबाव बनाने के बाद शहरी विकास निदेशालय की ओर से छह बिंदुओं को आधार बनाकर हरिमोहन नेगी को उनके पद से हटा दिया था। उसके बाद 5 अगस्त को नेगी के समर्थन में पुरोला में कांग्रेस कार्यकर्ताओं समेत स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन कर उसकी बर्खास्तगी को अवैध बताते हुए इसे बदले की कार्रवाई बताया। शहरी निदेशालय की ओर से लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को हरिमोहन सिंह नेगी ने सिरे से खारिज करते हुए राज्य सरकार से पुरोला में नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी करने की चुनौती भी थी। वहीं, पद से हटाने के इस फैसले के विरोध में हरिमोहन नेगी हाईकोर्ट चले गए। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने शहरी निदेशालय के फैसले पर रोक लगा दी। वहीं, इस फैसले के बाद हरिमोहन नेगी ने कहा कि उन्हें न्यायालय पर भरोसा था और राज्य सरकार ने जिस तरह से बदले की भावना के साथ यह फैसला लेकर जनमत का अपमान किया था वह बेहद शर्मनाम था। नेगी ने कहा कि पुरोला नगर पंचायत क्षेत्र में मानसून के दौरान बादल फटने से भारी नुकसान हुआ, यह मौका था कि राज्य सरकार पुरोला नगर पंचायत के निवासियों को राहत देती लेकिन ऐसे मुश्किल वक्त पर सरकार ने अलोकतांत्रिक तरीके से मुझे बर्खास्त करने में अपनी ताकत लगा दी जबकि नगर पंचायत में लगातार हुई जांच में जांच कमेटियों की ओर से मुझे क्लिन चिट दी गई थी। वहीं, नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी को हटाने के फैसले पर हाईकोर्ट की रोक के बाद सामाजिक कार्यकर्ता विनोद डोभाल ने कहा कि पुरोला नगर पंचायत में भाजपा कांग्रेस की आपसी कलह के चलते नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी को पद से हटाया गया, जबकि हरिमोहन नेगी की ओर से नगर पंचायत पुरोला में किए गए विकास कार्यों का गवाह पूरा पुरोला है और इसलिए पुरोलावासी बीते दिनों उनके समर्थन में सड़कों पर भी उतरे। उन्होंने कहा कि पहले भी नेता, जनप्रतिनिधि अपने पदों से हटाए गए हैं लेकिन उनके समर्थन में कभी कोई सड़क पर नहीं उतरा लेकिन यह पहली बार था जब लोग किसी जनप्रतिनिधि के हटाने के फैसले के विरोध में सड़क पर उतरे और सरकार के इस फैसले का विरोध भी किया। विनोद डोभाल ने कहा कि स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने शिकायतों का अंबार लगाकर मुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री को इस मामले में गुमराह कर पुरोला के बारे में, यहां के विकास कार्यों के बारे में एक झूठी कहानी बनाई जिसके चलते राज्य सरकार ने यह फैसला लिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री को उन जांच रिपोर्टों का भी अवलोकन करना चाहिए जो अलग अलग समय में जांच समितियों की ओर से पुरोला में विकास कार्यों की पुष्टि करते हुई शासन को भेजी है।

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required