हिमाचल कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह बोली : बीजेपी का काम कांग्रेस से बेहतर !
Pen Point, Dehradun : भाजपा का काम कांग्रेस से बेहतर है। हिमांचल प्रदेश की कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने यह बात कही है। समाचार ऐजेंसी एनआआई को दिये इंटरव्यू में वह अपनी ही पार्टी को कोसती हुई नजर आई। गौरतलब है कि उनका यह बयान ऐसे वक्त आया है जब हिमांचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार एक बड़ी राजनीतिक आपदा से जूझ रही है। अपने इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि कांग्रेस में बहुत काम किये जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि एक सांसद के रूप में वो अपने संसदीय क्षेत्र में जाकर लोगों से से बातचीत करती हैं और उनकी समस्याओं का सामाधन करती हैं, यह सच है कि भाजपा की कार्यशैली हम से अच्छी है। प्रतिभा सिंह ने आगे कहा कि उन्होंने अपना संदेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू को भेज दिया है और उन्हें संगठन को मजबूत करने के लिये कहा है।
प्रतिभा सिंह के मुताबिक वो पहले दिन से ही सीएम को इस बाबत आगाह कर रही हैं कि उन्हें आगे चुनाव का सामना करना है, जिसके लिये पार्टी संगठन की मजबूती जरूरी है, यह हमारे लिये बेहद कठिन समय है और हम जमीनी स्तर पर बहुत सी कठिनाईयों दिख रही हैं, जबकि पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी बहुत से काम कर रही है।
हिमांचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने राज्य सभा मे क्रॉस वोटिंग के लिये 6 विधायकों का समर्थन किया था। उनके मुताबिक विधायकों की नाराजगी स्वाभाविक थी। एक साल से भी ज्यादा समय बीत गया था लेकिन मुख्यमंत्री प्रदेश हित के जरूरी कामों को लगातार अनदेखा कर रहे थे। हालात को जानते हुए भी ना तो उन्होंने विधायकों से बात की और ना ही उनकी समस्याओं को समझने सुलझाने के लिये उनके साथ बैठते दिखे। इससे जनता में पार्टी और सरकार की छवि पर खराब असर पड़ना लाजिमी है।
इससे पूर्व कांग्रेस में मची इस घमासान को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ओर भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने अपने एक बयान में कहा है कि इसमें भाजपा ने कुछ नही किया है, यह सब कांग्रेस का अंदरूनी मामला है जिससे साबित होता है कि वह सरकार चलाने में नाकाम हैं और यह सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं टिकने वाली।
हिमांचल प्रदेश के सियासी परिदृश्य को देखें तो 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 68 में से 40 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। जबकि बीजेपी को 25 सीटें और 3 सीटें निर्दलीय के खाते में गई थी। लेकिन पिछले दिनों हुए राज्य सभा चुनाव में छह विधायक खोने के बाद अब कांग्रेस के पास 34 विधायक रह गए हैं। जबकि तीन निर्दलीय मिलाकर भाजपा के पास 28 सीटें हैं, अब कांग्रेस के सामने अपने अन्य विधायकों को साथ बनाए रखने की चुनौती है, अगर एक विधायक भी बागी होता है तो सरकार अल्पमत में आ जाएगी।