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महेंद्र भट्ट: राज्यसभा पहुंचकर भी क्या आंदोलनकारियों को वामपंथी कहेंगे ?

Pen Point, Dehradun : उत्तराखण्ड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की राज्य सभा के लिये उम्मीदवारी चौंकाने वाली रही है। माना जा रहा है कि पार्टी आलाकमान ने उनका नाम आगे कर युवा नेतृत्व को तरजीह देने का संकेत दिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और युवा मोर्चा की पृष्ठभूमि वाले भट्ट बद्रीनाथ विधानसभा से दो बार विधायक रह चुके हैं। लेकिन 2022 के चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा, लेकिन फिर भी प्रदेश अध्यक्ष पद पर उनकी ताजपोशी हुई। इस दौरान भट्ट अपनी सक्रियता से ज्यादा अपने बयानों के लिये चर्चित रहे। खास तौर पर राज्य में विभिन्न मुद्दों पर आंदोलित लोगों को वामपंथी बताने की वे गाहे बगाहे दोहराते रहे हैं।

जोशीमठ भू धंसाव से उपजे आंदोलन को लेकर भी भट्ट का रूख नरम नहीं था। उन्होंनंे प्रभावित लोगों के साथ सहानुभूति जरूरी जताई लेकिन जोशीमठ की सुरक्षा और न्याय को लेकर सवाल उठा रहे आंदोलनकारियों को माओवादी और चीन का ऐजेंट करार दिया था। जिस पर उन्हें विरोधियों की ओर से कड़ी प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा था।

अंकिता भण्डारी हत्याकांड के मुद्दे पर सरकार से उच्च स्तरीय जांच और न्याय की मांग कर रहे कांग्रेस समेत विभिन्न दलों के लोगों पर भी वे असहज करने वाले बयान दे चुके हैं। इसी मुद्दे को लेकर बीते साल महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष व महामंत्री ने जब अपने केश उतरवाए तो भट्ट ने इसे धर्म विरूद्ध कृत्य और पाप बताया।

वहीं हाल ही में राज्य में भू कानून को लेकर आंदोलन कर रहे लोगों को भी उन्होंने वामपंथी करार दिया था। जिसके कारण एक बार फिर उन्हें विरोध झेलना पड़ा। लेकिन इसके बावजूद भट्ट अपने बयान को सही ठहराते रहे। भाजपा की सत्ता और सरकार का बचाव करते हुए वो गाहे ब गाहे ऐसे बयान देते रहे हैं।
इसके अलावा साल 2022 में भाजपा के हर घर तिंरंगा अभियान को लेकर भी भट्ट ने विवादित बयान दिया था। उन्होंने हल्द्वानी में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि जिस घर में तिरंगा लहराता हुआ नहीं दिखेगा उसे विश्वास की नजर से नहीं देखा जा सकता। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहे हैं। जिसमें उनकी टिप्पणियां काफी चर्चित रही हैं।

बद्रीनाथ सीट से ही 2 बार विधायक भी रह चुके महेंद्र भट्ट की छात्र राजनीति से शुरुआत हुई थी। कॉलेज के समय वे एबीवीपी में सक्रिय रहे। उसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा में विभिन्न पदों पर रहे। 2022 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर कई बातें कही जा रही थे। लेकिन धामी सरकार बनने के बाद उन्हें भाजपा का दसवों प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया। महेंद्र भट्ट बीजेपी का ब्राह्मण चेहरा हैं और गढ़वाल मंडल से आते हैं इसलिए पार्टी ने गढ़वाल क्षेत्र के ब्राह्मण चेहरे पर दांव खेला था। भट्ट राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान पंद्रह दिन पौड़ी की कांसखेत जेल और उत्तराखंड आंदोलन मे 5 दिन पौड़ी जेल में रहे।

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