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होमस्टे: हर साल एक हजार से ज्यादा होमस्टे का हो रहा निर्माण

– उत्तराखंड में होमस्टे योजना से होमस्टे संचालन को मिली रफ्तार, पांच हजार से ज्यादा होमस्टे पंजीकृत
PEN POINT, DEHRADUN : उत्तराखंड राज्य में हर साल एक हजार होमस्टे बन रहे हैं। होमस्टे योजना को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई दीनदयाल होमस्टे योजना के लागू होने के पांच साल में ही राज्य भर में पांच हजार से अधिक होमस्टे पंजीकृत हो चुके हैं। उत्तराखंड में होमस्टे निर्माण को बढ़ावा दे कर ग्रामीण अंचलों में पर्यटन के जरिए रोजगार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से साल 2018 में तत्कालीन त्रिवेंद्र रावत के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने पं. दीनदयाल उपाध्याय होमस्टे विकास योजना शुरू किया था। योजना के शुरू होते ही राज्य में पांच हजार होमस्टे निर्माण का लक्ष्य तय किया था।
उत्तरकाशी का भंगेली गांव 2019 तक एक आम अनजान सा गांव हुआ करता था। लेकिन, गांव में एक होमस्टे का निर्माण हुआ तो गांव से गिडारा बुग्याल तक ट्रैकिंग की भी राह खुली। गांव में अब तीन होमस्टे का निर्माण हो चुका है। वहीं सालभर पहुंचने वाले पर्यटकों की तादात भी बढ़ने लगी है। जिससे गांव में ग्रामीणों के पास आजीविका के नए विकल्प भी खुले हैं। अब यह गांव पर्यटन के नक्शे पर मजबूत मौजूदगी दर्ज करवा रहा है। यही कहानी राज्य के कई ऐसे गांवों की है जिन्हें होमस्टे निर्माण के बाद ही नई पहचान मिली। तो इसने रोजगार के नए रास्ते भी तैयार किए। उत्तराखंड देश में पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। चारधाम यात्रा के अलावा ट्रैकिंग, पर्वतारोहण, कैंपिंग, वीकेंड टूरिज्म, आध्यात्मिक टूरिज्म के लिए हर साल करोड़ों पर्यटक उत्तराखंड का रूख कर रहे हैं।

कोरोना काल से पहले 2019 में ही उत्तराखंड में करीब 3.9 करोड़ पर्यटक उत्तराखंड पहुंचे थे। पूर्व तक पर्यटकों के लिए शहरों और प्रमुख पर्यटन स्थलों पर होटलों में ही आवासीय व्यवस्था थी तो दूर दराज के गांवों तक आवासीय व्यवस्था न मिलने से पर्यटक भी प्रदेश के कई महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों से दूर रहे। लेकिन, अब पर्यटकों को दूर दराज ग्रामीण अंचलों में भी सभी सुविधाओं से युक्त आवासीय सुविधाएं मिलने लगी है तो पर्यटकों के कदम उन गांवों तक भी पहुंच रहे हैं।
वहीं, होमस्टे निर्माण में तेजी के बाद ऐसे पर्यटक भी उत्तराखंड के दूर दराज इलाकों तक पहुंचने लगे हैं जो शहरों की भाग दौड़ से दूर कुछ दिन, महीनें शांति से पहाड़ी इलाकों में बीताना चाह रहे हैं।

पर्यटन विभाग अपर निदेशक पूनम चंद बताती है कि राज्य में होमस्टे निर्माण में तेजी आई है और यह आंकड़ा पांच हजार पार कर चुके हैं और लगातार नए होमस्टे निर्माण के साथ ही पुराने आवासीय घरों को होम स्टे के तौर पर संचालित करने का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है।

क्रम जनपद होमस्टे
1 अल्मोड़ा 433
2 बागेश्वर 166
3 चमोली 577
4 चंपावत 141
5 देहरादून 680
6 हरिद्वार 53
7 नैनीताल 811
8 पौड़ी गढ़वाल 227
9 पिथौरागढ़ 708
10 रूद्रप्रयाग 256
11 टिहरी गढ़वाल 310
12 यूएस नगर 11
13 उत्तरकाशी 672

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