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राष्ट्रीय खेल : पदक तालिका में अपनी गिरती साख को कितना बचा पाएगा उत्तराखंड ?

– राज्य के खिलाड़ियों का राष्ट्रीय खेलों में प्रदर्शन रहा है खराब, पदक तालिका में लगातार होती रही है गिरावट
– अगले साल राज्य में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से पहले राज्य के खिलाड़ियों को इस साल गोवा में करना होगा खुद को साबित
PEN POINT, DEHRADUN : – राज्य के खिलाड़ियों का राष्ट्रीय खेलों में प्रदर्शन रहा है खराब, पदक तालिका में लगातार होती रही है गिरावट
– अगले साल राज्य में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से पहले राज्य के खिलाड़ियों को इस साल गोवा में करना होगा खुद को साबित
उत्तराखंड अगले साल 38वें राष्ट्रीय खेलों का मेजबान बनेगा। लेकिन, इससे पहले उत्तराखंड के खिलाड़ियों को इसी साल अक्टूबर महीने में गोवा में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में खुद को साबित करना होगा। बीते साल गुजरात में आयोजित 36वें राष्ट्री खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों का प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा। ऐसे में इस साल गोवा में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में राज्य के खिलाड़ियों को खुद को साबित करना होगा। देखा जाए तो गोवा में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेल ही राज्य के खिलाड़ियों के लिए सेमीफाइनल माना जाएगा। उत्तराखंड अगले साल होने वाले राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी की तैयारियों में जुट गया है। लेकिन सवाल ये है कि क्या राज्य के खिलाड़ी इस मौके के लिए तैयार हैं। राज्य का राष्ट्रीय खेलों में प्रदर्शन अन्य राज्यों के मुकाबले खराब ही माना जाएगा। बीते साल गुजरात में हुए राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के हिस्से केवल एक गोल्ड मैडल आया था। उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 36वें राष्ट्रीय खेलों में 1 गोल्ड समेत कुल 18 पदक जीते थे। जिसमें 8 रजत और 9 कांस्य पदक शामिल थे। मैडल रैकिंग के हिसाब से उत्तराखंड देश में 26वें नंबर पर रहा। इससे पहले 35वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड दो स्वर्ण पदक समेत 19 पदकों के साथ देश में 23वें नंबर पर था। इस लिहाज से देखा जाए तो 35वें राष्ट्रीय खेलों के मुकाबले 36वें राष्ट्रीय खेल में उत्तराखंड का प्रदर्शन बुरा रहा। लिहाजा, अब असल चुनौती गोवा में अक्टूबर महीने में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में प्रदर्शन का है। गोवा में उत्तराखंड के खिलाड़ियों के प्रदर्शन में यदि सुधार होता हैं तो अगले साल उत्तराखंड में होने वाले राष्ट्रीय खेलों के लिहाज से बेहतर की उम्मीद बंधा सकते हैं।

उत्तराखंड राज्य ने जब से राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेना शुरू किया है तब से पदक सूची में राज्य की रैंक लगातार गिरती रही है। पहली बार राज्य के खिलाड़ियों ने 2007 में असम में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लिया था, यहां 13 पदक जीतकर मेडल सूची में 18वें नंबर पर रहे थे, लेकिन 2011 में झारखंड में आयोजित अगले राष्ट्रीय खेलों में 13 मेडल जीतकर पदक तालिका में 19वें नंबर पर चले गए। 2015 में केरल में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में 19 पदक जीते पर पदक सूची में 23वें नंबर पर आ गए। पिछले साल गुजरात में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में 18 पदक जीतकर पदक तालिका में 26वें नंबर पर आ गए। यानि, हर राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों का प्रदर्शन अन्य राज्यों के मुकाबले खराब होता रहा।

खेल पत्रकार राजू गुंसाई कहते हैं कि अमूमन जिन राज्यों में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होता है वहां के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर पदक तालिका में अपनी स्थिति सुधारते हैं। आम तौर पर मेजबान राजय पदक तालिका में पहले या दूसरे स्थान पर रहते हैं। यह भी देखा गया है कि इन राज्यों के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर लगातार बेहतर प्रदर्शन करते हैं। लेकिन उत्तराखंड के मामले में यह कहा नहीं जा सकता है। 35वें राष्ट्रीय खेलों के मुकाबले 36वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों का प्रदर्शन खराब रहा है। ऐसे में यदि गोवा में उत्तराखंड अपना प्रदर्शन नहीं सुधारता है तो अगले साल खुद की मेजबानी वाले राष्ट्रीय खेलों सम्माजनक स्थान पाना बड़ी चुनौती होगा।

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