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NGT : बिल्डर ने वन क्षेत्र में कैसे बनाई सड़क? समिति करेगी जांच

Pen Point Dehradun : नैनीताल के बुद्ध पंगोट इलाके में अवैध सड़क के निर्माण पर वन महकमा घिरता नजर आ रहा है। यह इलाका नैना देवी हिमालयन बर्ड कंजर्वेशन रिजर्व में आता है। जहां होटलों तक पहुंच के लिये वन विभाग की मदद से आरक्षित भूमि पर सड़क बना दी गई थी। यह मामला काफी तूल पकड़ गया था, और एनजीटी (NGT) तक पहुंच गया। अब नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल के आदेश पर इन सड़कों की जांच के लिये समिति गठित की गई है। इस मामले में दर्ज शिकायत के मुताबिक इस 2017 में इस सड़क का निर्माण शुरू हुआ जो 2022 तक चला। जिसमें वन भूमि को काटकर सड़क को चौड़ा किया गया। जो वन संरक्षण अधिनियम 1980 और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 28 मार्च, 2019 को जारी दिशा निर्देशों के खिलाफ है। पिछले साल उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस सड़क का निर्माण रूकवा दिया था।

पर्यावरण पत्रिका डाउन टु अर्थ के मुताबिक, NGT कोर्ट ने निर्देश जारी किया है कि उत्तराखंड के वन्य जीव वार्डन, उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नैनीताल के जिला मजिस्ट्रेट की संयुक्त समिति सड़क का मौके पर जाकर मुआयना करेगी। टीम उस भूमि के प्रकार का निर्धारण करेंगी जहां कथित सड़क बनाई गई है। साथ ही समिति सड़क निर्माण के दौरान काटे गए पेड़ों की भी जांच करेगी। इसमें हुई पर्यावरणीय क्षति का आंकलन करेगी और जरूरत पड़ने पर बहाली से जुड़े आवश्यक उपायों की भी सिफारिश करेगी। अदालत ने समिति को सड़क निर्माण के लिए जिम्मेवार होटल मालिकों या व्यक्तियों के नाम और पूरे पते उपलब्ध कराने का आदेश भी दिया है।

गौरतलब है कि नैना देवी हिमालयन बर्ड कंजर्वेशन रिजर्व में सड़क निर्माण पर बीते साल उत्तराखंड हाईकोर्ट की ओर से रोक लगाई गई थी। हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में बताया गया था कि एक बिल्डर ने क्षेत्र में होटल बनाने के बाद बिना किसी सरकारी अनुमति के अवैध तरीके से सड़क निर्माण कराया। हाईकोर्ट ने इस बाबत डीएम नैनीताल, डीफओ, पर्यटन निदेशक और बिल्डर उपेंद्र जिंदल को नोटिस भी जारी किये थे। अपने आदेश में अदालत ने क्षेत्र में बुलडोजर का उपयोग भी प्रतिबंधित करवा दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह याचिका ग्राम प्रधान ललित की की ओर से दायर की गई थी। जिसमें कहा गया था कि एक गांव तक पहुंचने के लिए संरक्षित वन भूमि पर पैदल रास्ता बनाने की स्वीकृति दी गई थी। लेकिन बिल्डर ने कथित तौर पर अपर पर्यटन अधिकारी पूनम चंद की सहायता से 2013 में गांव की जमीन खरीद ली और पंगोट में चार मंजिला होटल बनाने के लिए क्षेत्र में मोटर मार्ग बनाना शुरू कर दिया। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया था कि पूनम चंद परियोजना को पूरा करने के लिए जिंदल को आधिकारिक सुविधाएं भी मुहैया करा रही हैं। अदालत ने इस मामले में राज्य और केंद्र सरकार को भी जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे।

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