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यूनीक आईडी आधार पर फिर खड़े हुए सवाल, क्या कहा सरकार ने ?

Pen Point, Dehradun : दुनिया की प्रमुख इन्वेस्टमेंट रेटिंग ऐजेंसी मूडीज ने भारत की यूनीक आईडी आधार पर सवाल खड़े किये हैं। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि गर्म और आर्द्र जलवायु वाले इलाके में लोगों के लिये बायोमेट्रिक तकनीक विश्वनीय नहीं है। लिहाजा 12 अंकों की यूनीक आईडी आधार भी दोष रहित नहीं हो सकता। जिसके चलते चलते लोगों को कई तरह की सेवाओं से वंचित होने का खतरा है। हालांकि भारत सरकार की ओर से इस दावे को खारिज किया गया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि एक निश्चित निवेशक सेवा ने बिना किसी सबूत या आधार का हवाला दिये, दुनिया की सबसे भरोसेमंड डिजिटल आईडी आधार के खिलाफ व्यापक दावे किये किये हैं।
इंडियन ऐक्सप्रेस में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक मूडीज की ओर से यह चिंता एक साल बाद सामने आई है। इससे पहले भारत के नियंत्रक और मलालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा भी त्रुटिपूर्ण डेटा प्रबंधन के लिये भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई की खिंचाई की जा चुकी है।

मूडीज की ओर से यह भी कहा गया है कि दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल आईडी कार्यक्रम सार्वजनिक और निजी सेवाओं तक पहुंच को सक्षम बनाता है। जिसमें फिंगर प्रिंट या आंखों की स्कैनिंग के जरिये सत्यापन और वन टाइम पास कोड जैसे विकल्प शामिल हैं। जिसका मकसद हाशिये पर रहने वाले समूहों ाके एक साथ जोड़ना और कल्याणकारी योजनाओं का विस्तार करना है। हालांकि सिस्टम को बाधाओं का सामाना करना पड़ता है। जिसमें प्राधिकारी होने की सटीक सूचना पाने का बोझ होने के साथ बायोमेट्रिक विश्वसनीयता के बारे में चिंताएं शामिल हैं।

इसमें कहा गया है, प्रणाली के परिणामस्वरूप अक्सर सेवा से इनकार कर दिया जाता है, और बायोमेट्रिक प्रौद्योगिकियों की विश्वसनीयता, विशेष रूप से गर्म, आर्द्र जलवायु में मैनुअल मजदूरों के लिए, संदिग्ध है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केंद्रीकृत आधार प्रणाली में सुरक्षा और गोपनीयता संबंधी कमजोरियां हैं। इस संबंध में तथ्यात्मक स्थिति का खुलासा संसद के सवालों के जवाब में बार-बार किया गया है। जहां संसद को स्पष्ट रूप से सूचित किया गया है कि आज तक आधार डेटाबेस से कोई उल्लंघन की सूचना नहीं मिली है।
इसके जवाब में अपने बयान में, सरकार ने कहा कि मूडीज़ द्वारा किये गए दावे बिना किसी डेटा या शोध के किये गये हैं। निवेशक सेवा ने यूआईडीएआई से उसके द्वारा उठाए गए मुद्दों के संबंध में तथ्यों का पता लगाने का कोई प्रयास नहीं किया।

भारत की गर्म और आर्द्र जलवायु में आधार बायोमेट्रिक्स की दक्षता के जवाब में, सरकार ने कहा कि चेहरे के प्रमाणीकरण और आईरिस प्रमाणीकरण जैसे संपर्क रहित माध्यमों से भी बायोमेट्रिक जमा करना संभव है।
सरकार ने यह भी कहा कि आईएमएफ और विश्व बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने आधार की भूमिका की सराहना की है। इसमें कहा गया है, कई राष्ट्र भी प्राधिकरण के साथ यह समझने के लिए जुड़े हुए हैं कि वे समान डिजिटल आईडी सिस्टम कैसे तैयार कर सकते हैं।

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