नौकरी : खिलाड़ियों के साथ हुआ खेल
– खेलों में पदक जीतकर राज्य का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी की घोषणा के नाम पर हुआ खेल
– वित्त विभाग ने सरकारी नौकरी देने के प्रस्ताव को लौटाया, नहीं मिल सकेगी अब पदक विजेता खिलाड़ियों को नौकरी
PEN POINT, DEHRADUN : हाल ही में तमिलनाडु में हुई 82वीं ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मानसी ने एक घंटा 41 मिनट में 20 किमी वॉक रेस में गोल्ड मेडल हासिल करने वाली चमोली निवासी मानसी नेगी ने जब सोशल मीडिया पर अपना दर्द बंया किया था कि प्रदेश का नाम बढ़ाने के बावजूद उसे सरकारी नौकरी नहीं मिल रही तो आनन फानन में राज्य सरकार ने पदक जीतकर राज्य का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने का एलान किया था। लेकिन, सरकार की इस घोषणा पर अब वित्त विभाग ने रोक लगा दी है। ऐसे में पदक जीतकर प्रदेश का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकेगी।
उत्तराखंड शासन ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को सीधे नौकरी के प्रस्ताव को वित्त विभाग की आपत्ति के बाद खेल निदेशालय को लौटा दिया है। वित्त विभाग ने खेल श्रेणी चार में (ग्रेड पे 2000 के पदों पर) पदक विजेता खिलाड़ियों को नौकरी देने पर भी असहमति जताई है। अन्य श्रेणियों में स्पष्ट प्रस्ताव मांगा है। हालांकि, खेल निदेशालय ने अब कोई प्रस्ताव या संशोधित प्रस्ताव भेजने से इंकार कर दिया है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को खेल नीति 2021 के तहत सरकारी और अर्द्धसरकारी विभागों में नौकरी का प्रस्ताव है। खेल निदेशालय की ओर से 1800-2000 ग्रेड पे से लेकर 5400 ग्रेड पे तक की सरकारी नौकरी के लिए शासन को यह प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन इस प्रस्ताव को शासन की ओर से कुछ आपत्तियों के बाद खेल निदेशालय को लौटा दिया गया है। शासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है राज्य के समस्त विभागों के ढांचे का परीक्षण करते हुए विभागों में सृजित पदों में से खिलाड़ियों की सीधी भर्ती के पदों को चिन्हित किया जाए। विभागों में पदों को चिन्हित करने के लिए मुख्य सचिव के स्तर पर बैठक कर निर्णय लिया जाए। आदेश में कहा गया है खेल प्रतियोगिताओं को अधिसूचित करते हुए खेलों को प्राथमिकता के क्रम में अधिसूचित किया जाए। संशोधित प्रस्ताव तथ्यों सहित फिर से उपलब्ध कराया जाए। वहीं, खेल निदेशालय का कहना है कि अब दोबारा प्रस्ताव नहीं भेजा जाएगा जो स्वीकृति मिली है उसके अनुसार ही आगे क्रियान्वयन किया जाएगा। ऐसे में अब वह खिलाड़ी सरकार के इस खेल से स्तब्ध हैं जिन्होंने कड़ी मेहनत कर राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीता तो उन्हें भरोसा दिया गया कि उन्हें सरकारी नौकरी मिलेगी लेकिन शासन की ओर से इस प्रस्ताव को लौटाने के बाद ऐसे पदक विजेता खिलाड़ियों को बड़ा धक्का लगा है जो सरकारी नौकरी की उम्मीद पाले हुए थे।