पुष्कर सिंह धामी : चुनौतियों भरा रहा युवा सीएम का एक साल का सफर
– मुख्यमंत्री के तौर पर पुष्कर सिंह धामी के दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा, चुनौतियों भरा रहा पहला साल
-दो महत्वपूर्ण कानूनों के जरिए देश भर में लूटी वाहवाही, तो समान नागरिक संहिता पर भी मिली शाबासी
PEN POINT, DEHRADUN : मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी के दूसरे कार्यकाल को आज एक साल पूरा हो रहा है। अपनी विधानसभा सीट गंवाने के बाद भी बेहद नाटकीय घटनाक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने वाले पुष्कर सिंह धामी ने बीते साल आज के ही दिन मुख्यमंत्री की शपथ ली थी। अपने छोटे से पहले कार्यकाल में विवादों से दूर रहने वाले पुष्कर सिंह धामी के दूसरे कार्यकाल का पहला साल उनके लिए चुनौतियों से भरा साबित हुआ। 12 महीने के दौरान 12 बड़ी चुनौतियों ने मुख्यमंत्री के तौर पर पुष्कर सिंह धामी की कड़ी परीक्षा ली है। तो वहीं अपने इस कार्यकाल में दो महत्वपूर्ण कानून बनाकर उन्हें देश भर का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
भाजपा को मिले प्रचंड बहुमत के बावजूद खटीमा विधानसभा से चुनाव हारने के बाद भी पुष्कर सिंह धामी ने हथियार नहीं डाले और मुख्यमंत्री बनने के लिए खूब पसीना बहाया। हाईकमान को मनाने के बाद उनकी ताजपोशी मुख्यमंत्री पद पर हुई तो 23 मार्च 2022 को उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। जिसके बाद उनके लिए चंपावत की सीट खाली करवाई गई और उपचुनाव में बड़ी जीत दर्ज कर धामी औपचारिक रूप से विधानसभा के सदस्य चुन लिए गए।
लेकिन, मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने से लेकर अब तक शायद ही कोई महीना गुजरा हो जब राज्य में कोई नया विवाद खड़ा न हुआ है। मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेकर उन्हें एक साल होने को है लेकिन हर महीने लगातार हो रही उठापठक ने उनके इस कार्यकाल का यह पहला साल चुनौतियों से भर दिया। 12 महीनों के अपने इस कार्यकाल में शायद ही कोई महीना गुजरा हो जब कोई बड़ी चुनौती से पुष्कर सिंह धामी दोचार न हुए हों।
उपलब्धियों से भी खूब लूटी वाहवाही
हालांकि, अपने 12 महीनों के कार्यकाल में हर महीने किसी न किसी चुनौती से जुझते रहने के बावजूद तीन ऐसी बड़ी उपलब्धियां पुष्कर सिंह धामी के हिस्से आई जिसकी वजह से वह देश भर की मीडिया में सुर्खियों में तो रहे ही साथ ही उनके इन उपलब्धियों से बाकी राज्यों ने भी प्रेरणा लेकर ठीक वैसे ही कानून अपने राज्यों में बनाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाए। समान नागरिक संहिता कानून बनाने की घोषणा ने उन्होंने देश भर में दक्षिणपंथी विचारधारा के लोगों के बीच खूब प्रसिद्धि दिलाई तो धर्मांतरण को अपराध घोषित करने वाले कानून बनाने के बाद वह दक्षिणपंथी विचारधारा के लोगां के आंख का तारा साबित हुए। इस कानून से प्रेरणा पाकर भाजपाशासित अन्य राज्यों ने भी अपने यहां इस कानून को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाए। वहीं लगातार पेपर लीक, परीक्षाओं में नकल, धांधली जैसे घटनाओं की सालभर में बाढ़ आई तो आखिरकर पुष्कर सिंह धामी ने देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बनाने का दावा किया।
इन चुनौतियों से हुआ सामना
– विधानसभा में हुई अवैध नियुक्तियां
– हेलंग घास प्रकरण
– अंकिता हत्याकांड
– यूकेएसएसएससी विवाद
– पेपर लीक
– प्रतियोगी परीक्षाओं का रद होना
– बेरोजगारों का प्रदेश भर में प्रदर्शन
– देहरादून में युवाओं पर लाठीचार्ज
– घोटाले के आरोपी निलंबित अफसरों की बहाली
– जोशीमठ धंसाव
– भू कानून पर लापरवाही
– हल्द्वानी अतिक्रमण प्रकरण
इन दागी अफसरों की हुई बहाली
– खाद्य घोटाले के आरोपी डीएसओ श्याम आर्य को बीते साल बहाल कर दिया गया। डीएसओ पर 10 करोड़ रूपये से अधिक के 19 मामलों में घोटाले का आरोप था।
-यूपीसीएल में 70 करोड़ रूपये की गड़बड़ी के आरोपी तीन अधिकारियों को बहाल कर दिया गया।
– गड़बड़ी के आरोपी बीकेटीसी के पूर्व अधिकारी को अपना सलाहकार बनाया
इन प्रतियोगी परीक्षाओं ने बढ़ाई मुसीबत
– वीडीओ वीपीडीओ परीक्षा
– वन दरोगा भर्ती
– सचिवालय रक्षक भर्ती
– पटवारी परीक्षा के पेपर लीक
– जेई एई परीक्षाओं में धांधली
– फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा पेपर लीक