कई दिन बाद मौसम खिला तो सूरज अपने साथ लाए रंग बिरंगा ‘हालो’
PEN POINT, DEHRADUN : उत्तरकाशी समेत उत्तराखंड के कई पर्वतीय जिलों में शनिवार सूरज के चारों तरफ इंद्रधनुष सा गोलाकार घेरा देखने को मिला। बीते कई दिनों के बाद शनिवार को जब मौसम खुला तो सुबह दस बजे के करीब सूरज के चारों चरफ इंद्रधनुष के रंगों का गोलाकार घेरा देखने को मिला। विज्ञान की भाषा में इसे सोलर हालो कहते हैं तो इसे सन रिंग भी कहते हैं। कई बार ऐसी स्थिति चांद के साथ भी होती है।
शनिवार को उत्तरकाशी में पखवाड़े भर बाद मौसम खुला। लगातार हो रही बारिश बर्फवारी के बाद शनिवार सुबह जब सूर्योदय हुआ तो लोगों ने भी चैन की सांस ली। दोपहर तक मौसम साफ रहा लेकिन सुबह 10 बजे के करीब लोग एक खगोलीय घटना के गवाह बने। यह एक सामान्य खगोलीय परिघटना है जिसे विज्ञान की भाषा में सोलर हालो या फिर सन रिंग भी कहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा वातावरण में मौजूद हेक्सागोनल क्रिस्टल के कारण होता है। दरअसल जब वातावरण में मौजूद पानी की बूंदों पर प्रकाश पड़ता है तो उसके विकिरण के कारण यह घटना घटती है. कई बार इस गोले में इंद्रधनुष की तरह कई रंग भी दिखाई देते हैं।
कई बार चांद के साथ भी ऐसा होता है और इसे हालो ऑफ मून या मून रिंग कहा जाता है। आखिरीबार सन रिंग उत्तर भारत में दिखा था।
हालो किसे कहते हैं?
जब किसी प्रकाशमय या उर्जा से लबरेज चीज के चारों ओर गोलाकार आकृति बन जाए तो उसे हालो कहते हैं। भारतीय आध्यात्म में भी इसका जिक्र है। आपने कई भगवान की तस्वीरों में देखा होगा कि उनके सिर के पीछे एक चमकदार गोलाकार आकृति दिखती है, उसे भी हालो ही कहा जाता है।