आज ही हुआ था भारत को आजाद करने ऐलान
PEN POINT, DEHRADUN : इतिहास के पन्नों में 20 फरवरी भारत के लिए इतिहास के नजरिए से एक बड़ी और महत्वपूर्ण तारीख में दर्ज है। 20 फरवरी की तारीख भारत की स्वतंत्रता के लिए बेहद खास हो जाती है। क्योंकि भारत को आजादी दिलाने के लिए देश के तमाम रणबांकुरों ने संघर्ष किया था और अपनी शहादतें दी थी।
बाता दें कि इसी का नतीजा था कि तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली (Clement Attlee) ने 20 फरवरी 1947 को ऐलान किया था कि 30 जून, 1948 से पहले भारत को आजाद कर दिया जाएगा। इसके लिए ब्रिटिश सरकार ने कोई प्लान नहीं बताया। तब भारत के आखिरी वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन (Lord Mountbatten) ने 3 जून 1947 को देश के बड़े नेताओं और संगठनों के सामने आजादी के एक प्लान को पेश किया था। इसके बाद कुछ समय बीतने के बाद भारत में तैनात आखिरी वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने तीन जून, 1947 को ऐलान किया कि 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्र कर दिया जाएगा।
लेकिन इस प्लान ने देश के आम जनमानस के मन को भी उतना ही दुखी किया जितना आजादी देने की खबर ने ख़ुशी का माहौल बनाया था। इस घटना ने देश को दो हिस्सों में बांटने का दर्द भी देश की बड़ी आबादी के दिलों में गहरे घाव भी कर दिए। क्योंकि देश की स्वतन्त्रता के लिए लड़ने और अपनी जाने न्योछावर करने वाले किसी आजादी के दीवाने कल्पना तक नहीं की थी कि अंग्रेजी हुकूमत इस देश को छोड़ने के दौरान इसके दो हिस्से कर देगी। जिसका बड़ा दंश बटवारे के दौरान हजारों लोगों ने अपनी जाने गंवा कर चुकाया। देश की आजादी के लिए लड़ने वाले अपने ही मुल्क के लोग एक दूसरे का खून बहाने पर अमादा हो गए।