नई आफत: निपाह वायरस से दो लोगों की मौत
केरल में निपाह वायरस संक्रमण से दो लोगों की गई जान, कोरोना की तरह ही इंसान से इंसान में फैलता है निपाह वायरस
PEN POINT, DEHRADUN : कोरोना संकट के बाद अब एक नई महामारी की दस्तक ने स्वास्थ्य मंत्रालय के पेशानी पर बल डाल दिया है। केरल में बीते 12 सितंबर को हुई दो मौतों को स्वास्थ्य मंत्रालय ने निपाह वायरस संक्रमण से हुई मौत के तौर पर दर्ज किया है। वहीं, केंद्रीय व राज्य स्वास्थ्य मंत्रालय उन लोगों के बारे में जानकारी जुटा रहा है जो निपाह वायरस संक्रमण से मारे गए दोनों मृतकों के संपर्क में आए ताकि इससे अन्य लोगों तक संक्रमण पहुंचने से रोका जाए। बता दें कि पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाले निपाह संक्रमण कोरोना की तरह ही जानलेवा होने के साथ ही इंसान से इंसान में फैलने वाला जानलेवा वायरस है। इस खतरनाक वायरस की फिलहाल कोई दवा या वैक्सीन नहीं बनी है।
केरल के कोझिकोड में बीते दिनों दो लोगों की मौत हुई थी। स्थानीय अस्पताल की जांच में पाया गया कि दोनों की मौत निपाह वायरस से संक्रमित होने के कारण हुई थी। बीते मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से भी इसकी पुष्टि की गई कि दोनों मौतों के पीछे निपाह वायरस ही कारण था। वहीं, केरल के इस हिस्से में निपाह वायरस की मौजूदगी की पुष्टि के लिए अब तक पांच संदिग्ध नमूने जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को भेजे गए हैं। ये नमूने 49 वर्षीय मृतक के चार रिश्तेदारों के हैं, जिनकी हाल ही में इस वायरस के कारण मृत्यु हो गई थी। इन सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने मीडिया को बताया कि जिन चार संदिग्धों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है उनमें से एक 10 महीने का बच्चा भी है, जबकि एक बुजुर्ग रिश्तेदार और मृतक का नौ साल का बच्चा भी शामिल है। फिलहाल यह बच्चा वेंटिलेटर पर है, लेकिन उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। निपाह वायरस की मौजूदगी और उससे हुई दो मौतों को लेकर राज्य सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। बीते मंगलवार को ही कोझिकोड में निपाह वायरस संक्रमण को रोकने के लिए एक नियंत्रण केंद्र भी बनाया गया है। साथ ही राज्य भर में हेल्थ अलर्ट भी घोषित किया गया है। वहीं, स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक टीम केरल के कोझिकोड भेजा गया है।
निपाह वायरस (NIPAH Virus)
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, निपाह वायरस (एनआईवी) एक जूनोटिक वायरस है, जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। साथ ही यह वायरस दूषित भोजन के माध्यम से या वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से अन्य व्यक्तियों तक भी फैल सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो इस वायरस से संक्रमित कुछ लोगों में संक्रमण के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते जबकि कुछ संक्रमित लोगों में हल्के या गंभीर सांस संबंधी समस्याएं सामने आ सकती हैं। वहीं कुछ मामलों में घातक एन्सेफलाइटिस भी हो सकता है, जो मस्तिष्क में सूजन से जुड़ा है।
एक ही जगह पर चौथी बार फैला वायरस
केरल का कोझिकोड देश का वह स्थान बन गया है जहां निपाह वायरस चौथी बार फैल रहा है। पहली बार साल 2018 में यहां निपाह वायरस की मौजूदगी दर्ज की गई थी उसके बाद साल 2019 और 2021 में भी इस इलाके में निपाह वायरस से लोग संक्रमित पाए गए। साल 2019 में निपाह वायरस से यहां कोई भी मौत दर्ज नहीं की गई लेकिन साल 2018 और साल 2021 में यहां निपाह वायरस से 23 लोग संक्रमित पाए गए जिसमें से 21 लोगों की मौत हो गई थी।