Search for:
  • Home/
  • ताजा खबर/
  • क्या है वह कथित आबकारी नीति घोटाला जिसके आरोप में केजरीवाल किए गए गिरफ्तार

क्या है वह कथित आबकारी नीति घोटाला जिसके आरोप में केजरीवाल किए गए गिरफ्तार

Pen Point, Dehradun : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरूवार को प्रवर्तन निदेषालय ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 में कथित भ्रष्टाचार के मामले को लेकर ईडी ने अरविंद केजरीवाल को 10 समन भेजे थे लेकिन अरविंद केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। गुरूवार को ईडी के 10वें समन से पहले अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट में गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की थी जिसे कोर्ट ने रद कर दिया। जिसके बाद गुरूवार शाम प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी की टीम ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से घर पहुंचकर पूछताछ के बाद रात करीब 9 बजे गिरफ्तार कर लिया। इस कथित आबकारी नीति भ्रष्टाचार मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पिछले दो सालों से जेल में है जबकि राज्यसभा सांसद संजय सिंह और बीआरएस की नेता के के कविता भी जेल में है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लंबे समय से ही ईडी के निशाने पर थे। ईडी ने कथित आबकारी घोटाले को लेकर पूछताछ के लिए 10 समन जारी किए थे लेकिन संभावित गिरफ्तारी के डर से केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हुए। वह इन समन को और जांच को पूरी तरह से राजनीतिक साजिश बताते रहे। आखिर क्या वह कथित आबकारी घोटाला जिसके आरोप में पिछले दो साल से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जेल में बंद है तो अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी गिरफ्तार कर दिया गया।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने नवंबर 2021 आबकारी नीति 2021-22 लागू की थी। इस नई नीति से पहले दिल्ली सरकार की चार सरकारी कंपनियां दिल्ली में शराब की आधी से भी अधिक दुकानें खुद चलाती थी। लेकिन केजरीवाल सरकार की नई नीति के तहत सरकार शराब के कारोबार से पूरी तरह बाहर निकल गई और दिल्ली की सभी 864 शराब की दुकानें निजी कंपनियों के हाथों में संचालन के लिए दे दी गई। दिल्ली सरकार ने जब यह नीति पेश की थी तो दावा किया गया कि नई नीति से दिल्ली सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी तो साथ ही शराब के कारोबार में व्याप्त माफिया राज भी खत्म हो जाएगा। हालांकि, इस नीति के शुरूआती दौर से ही इस पर विवाद शुरू हो गया और निजी कंपनियों को शराब का सारा कारोबार सौंपने के फैसले को लेकर दिल्ली सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने लगा। विवाद ज्यादा बढ़ा तो दिल्ली सरकार की यह नई आबकारी नीति 8 जुलाई 2022 को रद कर दी गई। दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने जुलाई 2022 को एक रिपोर्ट जारी कर दिल्ली के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत कई अन्य आप नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस नीति में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना से सीबीआई जांच की सिफारिश की। 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने आबकारी नीति में गड़बड़ी के आरोप पर मामला दर्ज कर लिया। हालांकि, बाद में दावा किया गया है कि इस नीति को बनाने और लागू करने के लिए बड़े पैमाने पर पैसे का लेनदेन किया गया तो तब मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी की भी एंट्री हो गई। पैसों के हेर फेर के आरोपों को लेकर ईडी ने भी मामला दर्ज किया। मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया पर कुछ व्यापारिक घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए नई शराब नीति तैयार करने का आरोप लगाया था क्योंकि तब आबकारी विभाग मनीष सिसोदिया के पास ही था। इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि 2021-22 के दौरान नई आबकारी नीति के तहत कोविड का बहाना बनाकर शराब का व्यापार कर रही कंपनियों की 144 करोड़ रूपए की लाइसेंस फीस माफ कर दी गई थी तो साथ ही एयरपोर्ट क्षेत्र में शराब की दुकानों का संचालन करने वाली लाइसेंसधारकों को भी 30 करोड़ रूपए लौटा दिए गए जबकि नियमों के मुताबिक इस रकम को जब्त किया जाना था।
शुरूआती दौर में जांच के दौरान ईडी और सीबीआई के रडार पर मनीष सिसोदिया ही रहे। लेकिन, बीते साल नवंबर महीने की 2 तारीख को ईडी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को भी इस मामले में पहला समन भेजा। ईडी की ओर जो चार्जशीट तैयार की गई उसके मुताबिक जब आबकारी नीति तैयार की जा रही थी तो मामले में शामिल कई आरोपी मुख्यमंत्री केजरीवाल के संपर्क में थे। आरोप है कि इस नीति के जरिए शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए जो साजिश रची गई उसके मुख्य आरोपियों ने कई बार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। ईडी की चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता के अकाउंटेंट बुचीबाबू के दर्ज किए गए बयान में बताया गया कि के. कविता, केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के बीच राजनीतिक समझ थी। इस दौरान कविता ने मार्च 2021 में विजय नायर से भी मुलाकात की थी। इस मामले में एक और आरोपी दिनेश अरोड़ा ने भी ईडी को बताया है कि उसने केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी। ईडी का कहना है कि वाईएसआर कांग्रेस के सांसद मंगुटा श्रीनिवासुलु रेड्डी और केजरीवाल के बीच कई बैठकें हुई थी। पूछताछ में बुचीबाबू और आरोपी अरुण पिल्लई ने खुलासा किया है कि वे आबकारी नीति को लेकर अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर काम कर रहे थे।

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required