जब उत्तराखंड में हुई पांच सौ करोड़ की ठगी, कौन थी योगमाता केको आईकावा ?
Pen Point, Dehradun: साल था 2008 और नवंबर का महीना। नैनीताल के तल्लीताल पुलिस थाने में एक एएफआईआर दर्ज होती है। हल्द्वानी निवासी डा.हरीश पाल नाम के व्यक्ति ने इसे दर्ज कराया था। जिसमे चर्चित पायलट बाबा समेत सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया। इस मामले के मुताबिक आईकावा इंटरनेशनल एजुकेशन कंप्यूटर सेंटर खोले जाने के नाम पर बाबा और उनके सहयोगियों ने हरीश पाल से 67,700 रूपए हड़प लिये। कंप्यूटर ऐजुकेशन के फ्रेंचाइजी बिजनेस मॉडल को लेकर उसे बताया गया था कि इससे उसे हर माह 50 हजार रूपए की आय होगी। मामला दर्ज होने पर एक ओर छान बीन शुरू हुई और दूसरी ओर ऐसे कई मामले सामने आते चले गए। पता चला कि एक ही शहर में कई गलियों में फ्रेंचाइजी बांट कर पैसे वसूले गए हैं। जिसमें 50 हजार रूपए हर महीने की आय और एक रूपए महीने में कंप्यूटर ऐजुकेशन देने का वायदा किया गया था। लेकिन आय तो दूर इन लोगों से अलग अलग तरीके से 50 हजार की सिक्योरिटी के अलावा भी पैसे वसूल लिये गए। कई माह इंतजार करने के बाद जब 50 हजार रूपए को लेकर संस्था आनाकानी करने लगी तब जाकर यह मामला पुलिस के पास पहुंचा।
हरीश पाल ने अपनी शिकायत में बताया कि पैसे वापस मांगने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गयी। धोखाधड़ी के मामले में पायलट बाबा के अलावा, जापानी नागरिक केको आईकावा व अन्य सहयोगी हिमांशु राय, इशरत खान, इरफान खान, विजय यादव, पीसी भंडारी और मंगल गिरी के नाम शामिल थे। रिपोर्ट में कहा गया कि आईकावा इंटरनेशनल के खिलाफ धोखाधड़ी और ठगी के मामले बरेली, हरियाणा और मध्य प्रदेश में भी दर्ज किए गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस के आला अधिकारियों ने सीबीसीआईडी को जांच सौंपी। सीबीसीआईडी ने आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र तय कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल की कोर्ट में पेश किए। जिसके बाद पायलट बाबा को जेल भी हुई और बीमार होने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस मामले की तह खुली तो पता चला कि असली सूत्रधार पायलट बाबा की जापानी शिष्या और जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर केको आईकावा थी। जो ज्यादातर हरिद्वार और मध्य प्रदेश के सिंहस्थ शिविर में रहती थी। लेकिन उसने शिविर कई साल पहले ही छोड़ दिया था। उसकी ही संस्था केको आइकावा इंटरनेशनल एजुकेशनल संस्था थी जिस पर उत्तराखंड में ही करीब 500 करोड़ रुपए की ठगी का आरोप है।
उस वक्त महामंडलेश्वर केको आईकावा इंटरनेशनल एजुकेशन सेंटर की वाइस प्रेसीडेंट थी। इसी संस्था पर कम्प्यूटर शिक्षा के नाम पर लोगों से 500 करोड़ रूपए की उगाही का आरोप लगा था। संस्था ने दावा किया था कि सिर्फ एक रुपए में कम्प्यूटर की शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए देशभर में विभिन्न संस्थाओं से 50-50 हजार रुपए लेकर फ्रेंचाइजी दी गई। कहा गया था कि पढ़ाई का पूरा खर्च एजुकेशन संस्था वहन करेगी। मगर कोई शिक्षा नहीं दी गई। बताया जाता है कि आईकावा के गुरु पायलट बाबा इस संस्था के अध्यक्ष थे।
उत्तरकाशी में इस ठगी का शिकार हो चुके एक कंप्यूटर ऐजुकेशन संस्था के संचालक बताते हैं कि फ्रेंचाइजी के लिये उन्हें बरेली बुलाया गया था। जहां हिमांशु राय और इशरत खान ऑफिस के अंदर बैठे थे। बाहर फ्रेंचाइजी पाने वालों की लंबी कतार लगी थी। कोई चैक से तो कोई कैश लेकर फ्रेंचाइजी लेने पहुंचे थे। बाद में पता चला कि एक जिले ही नहीं एक शहर में ही अलग अलग फ्रेंचाइजी बांटी गई है। जिससे हमें गड़बड़ी का अहसास हुआ, तीन महीने बीतने पर ना तो आईकावा इंटरनेशनल ऐजुकेशन की ओर से कंप्यूटर शिक्षा शुरू की गई और ना ही हमें पचास हजार रूपए मिले।
कंप्यूटर शिक्षा के इस झांसे में आए टिहरी के कंप्यूटर सेंटर संचालक का भी ऐसा ही अनुभव रहा। उनके मुताबिक जब दाल में कुछ काला दिखने लगा तो हमने भाग दौड़ शुरू की। उत्तरकाशी स्थित पायलट बाबा के सैंज आश्रम से लेकर नैनीताल और बरेली तक के चक्कर काटे, लेकिन केको आईकावा इंटरनेशन ऐजुकेशन संस्था के पदाधिकारी या तो मिलने से इनकार कर देते, या फिर हनक दिखाते हुए मरवाने की धमकी देने लगे। नवंबर 2008 में नैनीताल में मुकदमा दर्ज होने के बाद अन्य लोगों ने भी अपनी शिकायतें दर्ज कराई।
कहां है केको आईकावा
बताया जाता है कि फिलहाल केको आईकावा भारत छोड़ चुकी है। वह एक आध्यात्मिक गुरू के रूप में जापान और यूरोप में सक्रिय है। उन्हें योगमाता भी कहा जाता है। ध्यान योग और आध्यात्म पर उसने पुस्तकें लिखी हैं और एक लेखिका के रूप में भी पहचान रखती है। साल 2022 में जापान की वेबसाइट https://www.tokyoweekender.com/ ने उसके बारे में लिखा है कि वह दुनिया की पहली और इकलौती महिला हैं जोे ध्यान और योग का उच्च स्तर हासिल कर सिद्ध गुरू बनी हैं। वेबसाइट में प्रकाशित लेख का शीर्षक यहां चस्पा है।
Yogmata Keiko Aikawa: The World’s First Female Siddha Master Yogi
Also one of only two Himalayan Samadhi Yogi masters in the world you can currently meet in person
JUNE 21, 2022