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जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले सिर्फ 50 लोगों पर बैंकों का 87 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा कर्ज

– मेहुल चोकसी समेत 50 लोग दबाए बैठे हैं बैंकों का 87,295 रूपए का कर्ज, भगोड़े मेहुल चोकसी व नीरव मोदी दबाकर बैठे है बैंकों का 14 हजार करोड़ से ज्यादा
PEN POINT, DEHRADUN : यूं तो आम नागरिकों के लिए बैंकों से ऋण लेना ही लंबी लड़ाई है, ऐसे में एक भी किश्त समय से न दी तो ऋण वसूलने वालों की बदसूलकी से दो चार होना आम बात मानी जाती है। बैंक आम आदमी से ऋण वसूली के लिए कोई भी पैंतरा अपनाने से नहीं चूकता लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ 50 लोग ही बैंकों का 87 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा का कर्ज दबाकर बैठे हैं और इन्हें बैंक और सरकार भी विलफुल डिफॉल्टर यानि जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले करार दे चुकी है। यह खुद केंद्र सरकार ने ही बताया है कि देश में सबसे ज्यादा कर्ज लेकर बैठे सिर्फ 50 लोग ही बैंकों का 87,295 करोड़ रूपए नहीं चुका रहे हैं।
बीते मंगलवार को राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड़ ने बताया कि भगोड़े मेहुल चोकसी, नीरव मोदी समेत टॉप 50 विलफुल डिफॉल्टर बैंकों का 87 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा दबाकर बैठे हैं। उन्होंने बताया कि विलफुल डिफॉल्टर यानी जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों में से टॉप 10 पर शेड्यूल्ड कॉमर्शियल बैंकों का 40,825 करोड़ रुपए बकाया है। वहीं भगोड़े मेहुल चोकसी की गीतांजलि जेम्स सबसे बड़ी विलफुल डिफॉल्टर है। उस पर बैंकों का 8,738 करोड़ रुपए बकाया है।

यह हैं देश के सबसे बड़े जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले तीन डिफॉल्टर –

'Pen Point1. मेहुल चोकसी और नीरव मोदी पर 14 हजार करोड़ से ज्यादा के घोटाले का आरोप है। गीतांजलि जेम्स के चेयरमैन रहे मेहुल चोकसी और नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई स्थित ब्रेडी हाउस ब्रांच में 14 हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला करने का आरोप है। बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से 2011 से 2018 के बीच फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) के जरिए रकम विदेशी खातों में ट्रांसफर की गई थी। अभी दोनों देश से बाहर हैं। इन दोनों को लेकर केंद्र सरकार लंबे समय से विपक्ष के निशाने पर भी रही है।

2. हेम सिंह भराना पर 16,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोप –
उद्योगपति हेम सिंह भराना ने देश का शायद ही कोई प्रमुख बैंक छोड़ा हो जिससे कर्ज न लिया हो। इस उद्योगपति ने'Pen Point देश के लगभग सभी प्रमुख बैंकों को चूना लगाया था। हेम सिंह भराना अपनी कंपनी एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड के तहत लोन लेना और फिर उसका भुगतान नहीं करता। हेम सिंह भराना ने 30 से ज्यादा संस्थाओं और लगभग 3,000 घर खरीदारों से 16,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की थी। 2016 में इसके उद्यम ईआरए को एनपीए घोषित किया था। यानि, इसके द्वारा लिए गए ऋण की वापसी अब संभव नहीं है और बैंक ने इसे बट्टे खाते में डाल दिया है।

3.आरईआई एग्रो के डायरेक्टर्स ने 3,800 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी –
'Pen Pointपर्वतन निदेशालय यानि ईडी ने 2016 में सीबीआई के मामले के आधार पर आरईआई एग्रो कंपनी और उसके डायरेक्टर्स के खिलाफ हवाला का मामला दर्ज किया था। यह कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी बासमती चावल प्रोसेसिंग फर्म होने का दावा करती थी। सीबीआई की एफआरआई में आरोप लगाया गया था कि आरईआई के डायरेक्टर्स ने यूको बैंक के नेतृत्व वाली कंसोर्टियम के तहत 14 बैंकों से 3,871.71 करोड़ की धोखाधड़ी की।

 

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