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जून से बढ़ सकती है इलेक्ट्रिक स्कूटी की कीमतें, जानिए कैसे ?

Pen Point, Dehradun : पैट्रोल डीजल पर निर्भरता कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर लोगों का रूझान बढ़ रहा है। इसी मकसद से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए सरकार की ओर से फेम 2 सब्सिडी दी जा रही थी। लेकिन अब इसमें कटौती कर दी गई है। जिसके चलते आने वाले जून माह से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की कीमत बढ़ सकती है। गौरतलब है कि यह सब्सिडी इन्हीं दोपहिया वाहनों के लिए जारी की गई थी।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय ने 19 मई को फेम टू सब्सीडी में 10 हजार रूप्ए प्रति किलोवाट प्रति घंटा कर दिया। जबकि पहले यह 15 हजार रूपए प्रति किलोवाट प्रतिघंटा थी। इसके अलावा ई-स्कूटर की एक्स फैक्ट्री कीमतों पर अधिकतम सब्सिडी सीमा को चालीस से फीसदी से घटाकर पंद्रह फीसदी कर दिया गया है। जाहिर है कि सब्सिडी में कटौती का असर कीमतों पर पड़ेगा। कीमतें बढ़ने का असर लोगों की जेब के साथ ही इन वाहनों के प्रति बढ़ रहे रूझान पर भी पड़ेगा।

भारत में ईवी को प्रोत्साहित करने के लिए साल 2015 में केंद्र सरकार ने फेम योजना को लागू किया था। फेम यानी फास्टर ऐडॉप्सन एंड मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ हाईब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हेकिल्स। इस योजना का अगला चरण यानी फेम-2 अप्रैल 2019 में लागू हुआ। जिसमें मार्च 2022 तक तीन सालों के लिए योजना को मंजूरी दी गई थी।
योजना के तहत 10 हजार करोड़ रूप्ए ई वाहनों की सब्सिडी के लिए आवंटित किये गए थे। जिसमें दो हजार करोड़ रूपए इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहनों के लिए आवंटित हुए। इसी बीच जून 2021 में फिर से इस योजना के मार्च 2024 तक के लिए विस्तार दिया गया था। लेकिन फिलहाल ई दोपहिया वाहनों की सब्सिडी में कटौती कर दी गई है।

डाउन टू अर्थ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 2023 भारी उछाल है। देश भर में 85 हजार से ज्यादा यूनिट्स इसी साल बिक चुकी हैं। जिसे देखते हुए केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने 7432 सार्वजनिक फास्ट चार्जिंग स्टेषन स्थापित करने के लिए आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल समेत पब्लिक सेक्टर की अन्य पैट्रो कंपनियों को फेम-2 योजना के तहत आठ सौ करोड़ रूप्ए देने की घोषणा की थी।

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