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जानिए कौन है न्यूज़ एंकर लिसा और मीडिया में क्या संकट लेकर आई है?

-हैंडलूम की साड़ी पहने लॉन्च हुई देश की पहली एआई न्यूज एंकर लिसा, ओडिशा के एक निजी समाचार चैनल की पहल
Pen Point, Dehradun : भारत में पहली एआई न्यूज एंकर ने समाचार पढ़ना शुरू कर दिया है। ओड़िशा के एक निजी समाचार चैनल ने बीते रविवार यानी 9 जून 2023 को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस इस वर्चुअल एंकर को लॉन्च किया है। हैंडलूम की साड़ी पहने हुए यह आर्टीफिशियल महिला एंकर ओटीवी नेटवर्क के टेलीविजन और ऑनलाइन माध्यमों पर उड़िया और दोनों भाषाओं में समाचार पढ़ रही है। चैनल की इस पहल को एआई की बढ़ती उपयोगिता की मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि भारत में इस तरह की पहल देश के विभिन्न मीडिया समूहों को भी प्रेरित करेगी। चैनल ने अपनी इस वर्चुअल न्यूज ऐंकर को लीसा नाम दिया है।
भारत की पहली वर्चुअल न्यूज एंकर
ओडिसा टेलीविजन प्राईवेट लिमिटेड डिजिटल की ओर से कहा गया है कि लिसा ओडिशा और भारत की पहली एआई एंकर हैं। हालांकि वह अन्य भाषाएं भी बोल सकती है लेकिन फिलहाल उड़िया और अंग्रेजी में ही समाचार पढ़ेगी। लिसा पत्रकारिता के साथ प्रौद्योगिकी का संयोजन करते हुए समाचार को सटीक और कुशलता से पेश कर रही है. इसमें एआई और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग किया जा रहा है. कंपनी की कोशिश है कि उसे और उच्च स्तरीय काम के लिए ट्रेंड किया जाए जिससे वह दूसरे से आसानी से बात कर सके।

इससे पहले अप्रैल में, कुवैत न्यूज़ अपना एआई न्यूज प्रजंटेटर लांच कर चुका है। जिसे फैधा नाम दिया गया था। कुवैत समाचार और कुवैत टाइम्स ने अपने ट्विटर फ़ीड पर यह जानकारी साझा की थी।

मीडिया क्षेत्र में नए युग की शुरुआत
डिजिटल मीडिया के दौर में यह एक नए युग की शुरूआत माना जा रहा है। अन्य क्षेत्रों की तरह मीडिया क्षेत्र भी लगातार तकनीकी बदलाव की जरूरत महसूस कर रहा है। इन दिनों लोग टेलीविजन भी इंटरनेट के जरिये देख रहे हैं, और इंटरनेट पर ही ज्यादा समय बिता रहे हैं। ऐसे में वर्चुअल सामगं्री को भी मीडिया लगातार तकनीकी तौर पर अपडेट कर रहा है।

चिंता का कारण भी है एआई
भले ही यह नई तकनीक चौंकाने और ध्यान खींचने वाली है, लेकिन इससे रोजगार की चिंता भी जुड़ी हुई है। एआई के तेजी से बढ़ने के साथ टेक्नोलॉजी से पैदा वाला खतरा भी लोगों को सता रहा है। एक ओर जहां इससे खराब या गलत सूचना और दुष्प्रचार की संभावना बढ़ जाती है, वहीं मीडिया क्षेत्र में रोजगार पर इसका प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

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