Search for:
  • Home/
  • उत्तराखंड/
  • तीन साल से एक जगह जमें अफसरों के हुए ट्रांसफर, एक अभियंता पर चुनाव प्रभावित करने की आशंका की हुई थी शिकायत

तीन साल से एक जगह जमें अफसरों के हुए ट्रांसफर, एक अभियंता पर चुनाव प्रभावित करने की आशंका की हुई थी शिकायत

Pen Point, Derhraun : भारत निर्वाचन आयोग की पारदर्शी चुनाव कराने के लेकर बरती जा रही सख्ती के तहत एक लोकसभा क्षेत्र में तीन साल से अधिक समय से डटे हुए अधिकारीयों के तत्काल प्रभाव से लोकसभा के परिधि से बाहर के जनपदों में ट्रांसफर करने की नीति का पालन किया किया जा रहा है। उत्तराखंड में ऐसे अधिकारीयों की सूची पहले ही विभागवार तलब की गयी थी। अब निर्वचन कार्यालय देहरादून ने बताया कि ऐसे तामाम कार्मिकों और अफसरों के सभी स्थानांतरण कर लिए गए हैं। जो चुनाव आयोग की गाइड लाइन के दायरे में आते थे। ये स्थानांतरण विभागीय स्तर पर किये गए हैं। जिन मामलों में आयोग को शिकायतें मिली थी उन पर भी तेजी से कार्रवाई की गयी।

तीन साल से डटे अफसर एक लोकसभा क्षेत्र के दूसरे जिलों में न तैनात न किये जाएं : चुनाव के दौरान अफसरों के ट्रांसफर से जुड़ी नीति में बदलाव करते हुए चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है, कि तीन साल से डटे धिकारियों का स्थानांतरण एक ही लोकसभा क्षेत्र में आने वाले दूसरे जिलों में कतई न करें। इससे न सिर्फ आयोग की भावना प्रभावित होती है, बल्कि चुनावी निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े होते हैं। आयोग ने इस दौरान राज्यों को हिदायत भी दी और कहा कि उनकी अधिकारीयों के ट्रांसफर पर पैनी नजर है। ऐसे में इसका अधिकतर ठीक से पालन हो। आयोग ने यह कदम तब उठाया है, जब एक ही जिले में तीन साल से जमें अधिकारीयों के स्थान्नातरण नीति में बड़े स्तर पर की शिकायते मिल रही थी, जिसमें नीति के तहत तीन सालों से जमें अधिकरियो का चुनाव से पहले एक जिले से दूसरे जिले में स्थान्तरण तो होता था, लेकिन बड़ी संख्या में स्थानान्तरण पड़ोस के ऐसे जिलों में कर दिया जाता था, जो एक ही लोकसभा क्षेत्र में आते थे। ऐसे में ध्यान रखा जाए कि इन नियमों का सख्ती साल पालन हो न कि मात्र दिखावा किया जाए।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का शिकायती पत्र

'Pen Point

ऐसे ही गढ़वाल लोकसभा क्षेत्रा में लोक निर्माण विभाग के अभियंता (इंजीनियर) पर चुनाव को प्रभावित करने कि शिकायत की गयी थी। लोनिवि की यह कार्रवाई ठीक उसी दिन की गई, जिस दिन यानी मंगलवार 20 फरवरी को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने चमोली जिले में तैनात एक सहायक अभियंता पर चुनाव प्रभावित करने वाले कृत्य करने के आरोप लगाए थे।

लोनिवि मुख्यालय का यह आदेश मुख्य अभियंता स्तर-दो एनपी सिंह की ओर से सभी अधीक्षण अभियंताओं को जारी किया गया था। जिसमें उन्होंने कहा है कि जिन अभियंताओं की ड्यूटी नोडल अधिकारी/आरओ/एआरओ या निर्वाचन की किसी जिम्मेदारी में लगी है और जिन्हें एक जगह 3 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है, उनकी सूची उपलब्ध कराई जाए। क्योंकि, इससे निर्वाचन प्रभावित हो सकता है। साथ ही कहा गया है कि सचिव के निर्देश के अनुसार यह सूचना आज ही शासन को उपलब्ध कराई जानी है।

दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भी ऐसी आशंका व्यक्त करते हुए निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि निर्माण खंड थराली (चमोली) में तैनात सहायक अभियंता सुरेंद्र पाल सिंह नेगी को चार वर्ष से अधिक का समय हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सहायक अभियंता सुरेंद्र राजकीय कार्यों के माध्यम से सत्ताधारी दल को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचा रहे हैं। आयोग कार्यालय ने बताया है कि ऐसे सभी ट्रांसफर कर लिए गए हैं।

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required