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उदास रिपोर्ट: नवंबर में सड़क हादसों में 14 लोगों ने गंवाई जान

– गैर सरकारी संगठन एसडीसी फाउंडेशन ने की नंबर महीने की उदास रिपोर्ट जारी, नवंबर महीने में देश दुनिया की नजर रही सिलक्यारा सुरंग हादसे पर
PEN POINT, DEHRADUN : नवंबर महीने में उत्तराखंड आपदा व बचाव कार्यों के लिहाज से पूरी दुनिया की नजरों में रहा। दीवाली की सुबह उत्तरकाशी में यमुनोत्री राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग में हुए भूस्खलन के चलते सुरंग के अंदर 41 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अगले 17 दिनों तक युद्ध स्तर पर चले सुरक्षा बचाव कार्यों पर देश दुनिया की नजर रही।
देहरादून स्थित एक निजी संगठन सोशल डेपलपमेंट फॉर कम्यूनिटी (एसडीसी) फाउंडेशन ने उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट सिनोप्सिस (उदास) की 14वीं रिपोर्ट में सिलक्यारा सुरंग हादसे को प्रमुखता दी। वहीं, संगठन की ओर से जारी उदास रिपोर्ट में बताया गया नवंबर महीने में राज्य में दो बड़े सड़क हादसों में 14 लोगों ने जान गंवाई। यह संगठन बीते साल अक्टूबर से हर महीने एक रिपोर्ट जारी करता है जिसमें महीने भर राज्य में आपदा दुर्घटना बचाव व सुरक्षा कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट से लेकर जोखिम को कम करने के सुझावों को जगह दी जाती है। संस्था के प्रमुख अनूप नौटियाल ने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि उदास नवंबर महीने की रिपोर्ट में उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा टनल हादसे की दिन प्रतिदिन का घटनाक्रम दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट खोज बचाव कार्यों के लिए चले 17 दिनों के अभियान के प्रत्येक दिन का विवरण इस रिपोर्ट में शामिल किया गया है। वहीं, रिपोर्ट में नवंबर महीने में उत्तराखंड में हुई दो बड़ी सड़क दुर्घटनाओं को शामिल किया गया है। जिसमें 17 नवंबर को नैनीताल जिले की छीरखान-रीठासाहिब मोटर मार्ग पर पिकअप वाहन खाई में गिरने से 9 लोगों की मौत के साथ ही 24 नवंबर को एक बार फिर से नैनीताल जिले में हुए सड़क हादसे का भी जिक्र है। इस सड़क हादसये में 5 लोगों की मौत हुई थी।

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गैर सरकारी संगठन एसडीसी फाउंडेशन प्रमुख अनूप नौटियाल।

रिपोर्ट जारी करते हुए संस्था प्रमुख अनूप नौटियाल ने कहा कि उत्तराखंड को अपने आपदा प्रबंधन तंत्र और क्लाइमेट एक्शन की कमज़ोर कड़ियों को मजबूत करने की सख्त जरूरत है। उन्होंने उत्तरकाशी टनल के हादसे को लेकर चिंता जताई और कहा की ये उम्मीद की जानी चाहिए की केंद्र और उत्तराखंड सरकार प्रदेश की समस्त परियोजनाओं पर पैनी नज़र रखते हुए आपदा प्रबंधन के तंत्र को मजबूत करेंगी।

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