नरेंद्र कठैत : ‘स्वच्छंद हैं कविताएं’ विडम्बनाओं के बीच हल तलाशती सम्भावनाएं
क्या है कविता? यूं तो- कम से कम शब्दों में भावों को -व्यक्त करने का माध्यम रही है कविता। अक्सर हमने कविता को कम से कम जगह ही घेरते देखा। लेकिन जड़ और तने के बीच का संवाद, अन्धेरे और उजाले के बीच का संग्राम, सुख और दुख के बीच [...]